किर्गिस्तान में फंसे बिहारियों के घर वापसी हेतु पुष्पम प्रिया चौधरी ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र

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प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट पुष्पम प्रिया चौधरी (Pushpam Priya Choudhary,President,Plurals) ने किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) में फंसे बिहार के छात्रों (Bihari Students) की सुरक्षित वापसी के संबंध में विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर (Subrahmanyam Jaishankar,External Affairs Minister) को पत्र लिखा है. कोरोना महामारी ( Corona Pandemic) के कारण बिहारी छात्र जो किर्गिस्तान में रहकर मेडिकल (Medical) की पढ़ाई करते हैं पिछले तीन माह से परेशानी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त कई नौकरशाहों (Bureaucrats) से भी संपर्क किया परंतु राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की. मेडिकल कॉलेज छात्रसंघ नेता अब्दुल खालिक खान ने राज्य सरकार से अपील की थी परंतु सरकार को इन प्रतिभाओं की कोई फ़िक्र ही नहीं है.

एशियन मेडिकल कॉलेज (Asian Medical Institute-ASMI) में पढ़ने वाले कमल हासन के पिता मोहम्मद मोइनुद्दीन ने भी सरकार से अपील की थी परंतु परिणाम कुछ  भी नही निकला. अंतत, किर्गिस्तान में फंसे एक मेडिकल छात्र कुमार गौरव ने प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट पुष्पम प्रिया चौधरी से बिहार वापिस लाने की गुहार लगाई. इसके बाद पुष्पम प्रिया चौधरी ने विदेश मंत्री को पत्र लिखा.

पत्र में पुष्पम प्रिया चौधरी ने लिखा कि कोविड महामारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह अनुरोध है कि 2000 छात्रों को उनके जन्मभूमि वापिस लाया जाए जो भारत के नागरिक के रूप में उनका अधिकार है, जो किर्गिस्तान में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. ओश मेडिकल कॉलेज (Osh medical College ), एशियन मेडिकल कॉलेज समेत अन्य कई कॉलेजों में बिहार के लगभग 2000 छात्र  मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. किर्गिस्तान की सरकार ने छात्रों को घर जाने का निर्देश दे दिया है पर बिहार के छात्रों के लिए बड़ी समस्या यह है की वंदे भारत मिशन (Vande Bharat Mission) के तहत बिहार की कोई उड़ान नहीं है जबकि दूसरे राज्यों ने यह सेवा बहाल कर दी है. कोरोना के कारण स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है. सिवान जिले (Siwan District) के पवन कुमार गुप्ता की मृत्यु कोरोना से 10 जुलाई को हो गई थी. इससे छात्रों में दहशत का माहौल व्याप्त है पर बिहार सरकार को अपने नागरिकों की कोई चिंता नहीं है.

उन्होंने पत्र में आगे लिखा है ‘यह सामान्य प्रोटोकॉल है कि मंत्रालय तभी जवाब देता है जब राज्य सरकार औपचारिक अनुरोध करती है.’ सुश्री चौधरी ने लिखा क्या नागरिको के अनुरोध को केवल इसलिए अनसुना कर देना चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार इस मामले में अनुरोध करने में विफल रही है.

दरअसल बिहार सरकार अभी बदहवास अवस्था में है उनके पास कोई अधिकृत आंकड़े भी नहीं हैं कि बिहार के कितने छात्र किर्गिस्तान में फंसे हैं. वह छात्रों को बिहार लाने में कोई रुचि भी नहीं दिखा रही है.  छात्रों के कई अपीलों-अनुरोधों के बाद भी सरकार ने  ध्यान नहीं दिया. ओश स्टे्ट यूनिवर्सिटी (Osh State University) में प्रथम वर्ष के छात्र प्रिंस कुमार ने सवाल किया कि ‘बिहारी छात्रों के साथ हमेशा भेदभाव क्यों होता है? दूसरे राज्यों के छात्रों को उनकी सरकारें वापिस बुला रही है पर हमें नहीं बुलाया जा रहा है.’

वंदे भारत मिशन के तहत राज्यों की पहल पर विदेश मंत्रालय काम करती है. दरअसल विदेश मंत्रालय को इसके लिए बिहार सरकार द्वारा कोई भी अनुरोध नहीं किया गया है. बिहार सरकार (Bihar Government) इस मामले में सुस्त रवैया अपना रही है. पुष्पम प्रिया चौधरी ने सुब्रमण्यम जयशंकर से अपील करते हुए लिखा कि ‘मुझे बहुत उम्मीद है कि आप छात्रों की आवश्यकता के साथ सहानुभूति रखेंगे और उन्हें सुरक्षित रूप से अपनी मातृभूमि लौटने में मदद करेंगे.’ उन्होंने वंदे भारत मिशन के तहत किर्गिस्तान से बिहार के बीच सीधी उड़ान व्यवस्था हेतु अनुरोध किया है.

पुष्पम प्रिया का मानना है कि अगर उड़ानो की व्यवस्था हो जाती है तो बिहार के छात्र चरणबद्ध तरीके से अपने घर वापिस आ सकेंगे. बिहार सरकार के लिए उनके नागरिक बस “लोग” मात्र हैं बस “वोट” मात्र, उन्हें नागरिकों की कोई चिंता नहीं है.

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