मुंबई: क्रिकेट की दुनिया में भगवान का दर्जा पा चुके सचिन तेंदुलकर ने यूँ तो क्रिक्र्ट के हर फार्मेट में रनों का अंबार लगाया है, ऐसे मुकाम हासिल किये जिसके बारे में बाकि खिलाडी सिर्फ और सिर्फ सपने में ही सोच सकतें हैं। लेकिन क्रिकेट की दुनिया में एक ऐसा रिकार्ड भी सचिन के नाम दर्ज है जिसके बारे में उनके फैन्स ने कभी सोचा भी नहीं होगा। गेंदबाजों की धज्जियाँ उड़ाने वाले सचिन के नाम टेस्ट में सबसे ज्यादा बार एलबीडब्ल्यू होने का रिकार्ड भी दर्ज है। वहीं एक भारतीय गेंदबाज अनिल कुंबले ने टेस्ट क्रिकेट में एलबीडब्ल्यू के जरिए सबसे ज्यादा विकेट चटकाएं हैं।
टेस्ट क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर 63 बार एलबीडब्ल्यू आउट हुए हैं। उनके बाद वेस्टइंडीज के शिवनारायण चंद्रपॉल और इंग्लैंड के ग्राहम गूच का नाम आता है। शिवनारायण चंद्रपॉल 55 और ग्राहम गूच 50 बार टेस्ट क्रिकेट में आउट एलबीडब्ल्यू हुए हैं।
गूच के बाद इंग्लैंड के मौजूदा कप्तान एलिस्टर कुक हैं। वह 47 बार पगबाधा आउट हुए हैं. सबसे ज्यादा एलबीडब्ल्यू आउट होने वाले चोटी के 10 खिलाड़ियों की सूची में पाकिस्तान के बल्लेबाज यूनुस खान, कुक के बाद दूसरे बल्लेबाज हैं जो अभी भी खेल रहे हैं। यूनुस इस सूची में सातवें स्थान पर हैं. वह टेस्ट में अब तक कुल 43 बार पगबाधा आउट हुए हैं।
वहीं गेंदबाजों में एलबीडब्ल्यू के जरिए शिकार करने में कुंबले सबसे आगे हैं। कुंबले ने टेस्ट क्रिकेट में कुल 619 विकेट लिए, जिनमें से 156 विकेट उन्होंने एलबीडब्ल्यू के जरिए हासिल किये हैं। कुंबले के बाद मुथैया मुरलीधन का नंबर आता है, जिन्होंने अपने रिकॉर्ड 800 विकेटों में से 150 विकेट एलबीडब्ल्यू से हासिल किए हैं। तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के शेन वार्न हैं। शेन वार्न ने कुल 708 विकटों में से 138 विकेट एलबीडब्ल्यू से लिए हैं।
वैसे तो क्रिकेट में हर खिलाड़ी कभी न कभी एलबीडब्ल्यू का शिकार होता है लेकिन विश्व क्रिकेट में एक ऐसा भी बल्लेबाज हुआ है, जो अपने करियर में कभी एलबीडब्ल्यू नहीं हुआ और वो हैं ऑस्ट्रेलिया के जोए डार्लिंग।
जोए ने 1884 से 1905 के बीच ऑस्ट्रेलिया के लिए कुल 34 टेस्ट मैच खेले, लेकिन वह कभी भी एलबीडब्ल्यू आउट नहीं हुए। वहीं ऑस्ट्रेलिया के ही क्लैम हिल 89 पारियों में सिर्फ एक बार एलबीडब्ल्यू आउट हुए हैं।