HomeMadhya Pradeshमध्य प्रदेश में "अगर करोगे खुले में शौच-जल्दी दी जाएगी मौत"

मध्य प्रदेश में “अगर करोगे खुले में शौच-जल्दी दी जाएगी मौत”

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भोपाल: मध्य प्रदेश में स्वच्छ भारत अभियान विवादों में है, प्रशासन की तरफ से  स्वच्छ भारत अभियान को लेकर किये जा रहे नए नए प्रयोग विवाद खड़े कर रहें हैं। अभी पिछले हफ्ते उज्जैन में खुले में शौच करने पर एक बुजुर्ग से जबरन अपना मैला साफ करवाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था। इसी बीच झाबुआ के मेघनगर में नगर परिषद की ओर से लगाया गया एक पोस्टर चर्चा में आ गया है।

आदिवासी बहुल मेघनगर में स्वच्छ भारत अभियान के तहत लगाए गए इस पोस्टर में लिखा है कि अगर करोगे खुले में शौच-जल्दी दी जाएगी मौत। इस पोस्टर पर स्वच्छ भारत के साथ-साथ एक कदम स्वच्छता की ओर भी अंकित है। लोगों ने नगर परिषद की तरफ से लगाए गए इस पोस्टर पर खासा विरोध जताया है।

मामले के तूल पकड़ने पर जिलाधिकारी ने पोस्टर में छपे स्लोगन की भाषा को ठीक करने के साथ साथ गलती करने वाले के खिलाफ कड़े कदम उठाये जाने की बात कही है।इस सम्बन्ध में मेघनगर के नगर परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नोटिस भी भेजा गया है। वैसे मध्यप्रदेश में यह कोई पहला मौका नही है। इसके पहले भी स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत से ही मध्यप्रदेश में नौकरशाही तरह-तरह के प्रयोग करती रही है।

 वहीँ ग्वालियर में तो घर में शौचालय न बनवाने वाले लोगों के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए गए थे। गरीबी रेखा के नीचे वाले लागों का राशन तक बंद कर दिया गया था। साथ ही बंदूक के लाइसेंस के साथ घर में शौचालय की शर्त जोड़ी गई थी। जब की एक कदम आगे बढ़ते हुए उज्जैन में उत्साही नगर पालिका कर्मचारियों ने एक बुजुर्ग दलित को खुले में शौच करने पर न केवल पीटा था। बल्कि उसे खुद अपना मैला साफ करने के लिए मजबूर भी किया था। हालाकिं बाद में सरकार ने तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया था।

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