महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ “दुर्व्यवहार” करने के आरोप में भाजपा के बारह विधायकों को विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है.
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनि मत से पारित कर कर दिया गया.
जिन 12 विधायकों को निलंबित किया गया है, उनमें संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया शामिल हैं.
परब ने कहा कि इन 12 विधायकों को निलंबन की अवधि के दौरान मुंबई और नागपुर में विधानमंडल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा सदस्यों ने फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा.
फडणवीस ने कहा, ”यह एक झूठा आरोप है और विपक्षी सदस्यों की संख्या को कम करने का प्रयास है. ऐसा इसलिये किया गया क्योंकि हमने स्थानीय निकायों में ओबीसी कोटे पर सरकार के झूठ को उजागर किया है.”
उन्होंने कहा कि भाजपा सदस्यों ने पीठासीन अधिकारी को गाली नहीं दी.फडणवीस ने कहा, ”शिवसेना विधायकों ने ही अपशब्दों का इस्तेमाल किया. मैं अपने विधायकों को अध्यक्ष के कक्ष से बाहर ले आया था.”
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने दावा किया कि शेलार के माफी मांगने पर मामला समाप्त हो गया. जाधव ने जो कहा वह ”एकतरफा” पक्ष था.
इससे पहले, राकांपा नेता और मंत्री नवाब मलिक ने भाजपा सदस्यों पर भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा की कार्यवाही को चार बार स्थगित किया गया.