मुंबई। 500 और 1000 रुपये के नोट को बैन करने के पीछे एक वजह नकली नोट भी थे। बताया जा रहा है कि बीते साढ़े तीन सालों के दौरान पूरे देश में एटीएम और बैंको से 14.97 करोड़ नकली नोट निकलें है। जिसमे 100, 500 और 1000 रुपये के कई नोट सामिल थे। रिजर्व बैंक आफ इंडिया की रिपार्ट” बैंक चैनल के माध्यम से जारी नोटो की पहचान” से खुलासा हुआ है कि बैंकिंग सिस्टम में भी नकली नोट सामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साढ़े तीन सालों में 100 रुपये के 5.42 लाख नोट, जिसकी कीमत 54.21 करोड़ रुपये, 500 रुपये के 8.56 लाख नोट, जिनकी कीमत करोड़ रुपये और 1000 के नोट जिनकी कीमत 47 करोड़ है। ये नोट जाली हैं इसलिए आरबीआई इन नोटों का कोई वास्तविक मूल्य नहीं मानता क्योंकि नोटों के नकली होने से इनका केवल प्रतीकात्मक इस्तेमाल होता है।
हालाकिं नकली नोट की समस्या से बचने के लिए आरबीआई ने बैंकों को के पास करेंसी चेक करने वाली मशीन रखने का निर्देश दिया है। ताकि इससे छुटकारा पाया जा सके और नोटों को एटीएम में डालने से पहले इस मशीन के जरिए चेक किया जा सके। साथ ही बैंकों में काम करने वाले कर्मचारियों को इस बात की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है कि वो असली और नकली नोट की पहचान कर सके। लेकिन बैंकों के अनुसार उनके पास मैन पावर की कमी है जिसके कारण यह गलतियां हो रही हैं। आमतौर पर एटीएम से एक नकली नोट निकलने पर बैंक उसे अपने पास रख लेता है लेकिन अग़र 4 से ज्यादा नकली नोट निकलतें हैं तो कानूनन इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जानी चाहिए। वहीँ बैंकिंग एक्सपर्ट का कहना है की एटीएम से नकली नोट निकलने पर एतिहाद के तौर पर तुरंत उसे सीसीटीवी कैमरे पर दिखा देना चाहिए।