मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में 15 दिनों तक कर्फ्यू लगा हुआ है. सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसके जरिये ” ब्रेक द चेन ” नाम की मुहिम की शुरूवात की है.
लेकिन राज्य सरकार के इस फैसले से मुंबई शहर के व्यापारी वर्ग के अलावा मुम्बई के मशूहर डब्बेवालो भी बेहद नाराज है. असोसिएशन के मुताबित राज्य की उद्धव सरकार ने उनके लिए कोई भी राहत पैकेज की घोषणा नही की है.
इसी सिलसिले मे डब्बे वालों ने उत्तर पूर्व मुंबई से बीजेपी के सांसद मनोज कोटक से मुलाकात की और ज्ञापन देते हुए अपील की है कि राज्य सरकार की ओर से उन्हे आवश्यक सेवाओं में शामिल किया जाये. शहर में सख्त कर्फ्यू लगने के बाद उनके कारोबार पर भी इसका काफी असर पड़ा है. कई डब्बे वालों की रोजी-रोटी पर सवालिया निशान फिर से खड़े हो गए हैं.
दरअसल पिछले साल मार्च में लगे लॉक डाउन के बाद धीरे-धीरे जब लॉक डाउन खुला तब उनका व्यवसाय एक बार फिर से शुरू हो गया था, हालांकि अब बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए फिर से कर्फ्यू लगने के बाद उनके कारोबार पर प्रभाव पड़ रहा है. जिससे पाँच हजार डब्बेवाले प्रभावित हुए है.
डब्बे वालों ने सांसद मनोज कोटक को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले साल लगे लॉकडाउन के बाद मुंबई शहर के गार्डियन (पालक) मंत्री असलम शेख ने उन्हें सरकार की तरफ से हर महीने 2000 रूपये आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया गया था हालांकि वह सहायता उन्हें अभी तक प्राप्त नहीं हुई है. जिसके बात सांसद मनोज कोटक ने मंत्री अस्लम शेख को ट्वीटर पर लिखकर सवाल पुछा और इसका जवाब मांगा साथ ही महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए पुछा कि डब्बेवालो की मांग पुरी क्यो नही हुई ?
सांसद मनोज कोटक ने ट्वीट करते हुए लिखा कि डब्बेवालो की एक प्रतिनिधि टीम ने कल मुझसे मुलाकात की। MVA मंत्री @AslamShaikh_MLA ने कोरोना के दौरान पिछले साल मुंबई के डब्बावालों को आर्थिक मदद का वादा किया था जो उन्हें अभी तक नहीं मिला है. न तो कांग्रेस और न ही @OfficeofUT के नेतृत्व वाले एमवीए को उनकी चिंता है. अब जब फिर से लॉकडाउन जारी किया गया है, तो एमवीए द्वारा धोखा दिए गए डब्बावाले अपनी आजीविका के लिए चिंतित हैं. उनकी आवाज उठाई जाएगी ताकि यह सिंहासन पर झूठे वादे करने वालों तक पहुंच जाए, और उन्हें राहत देने का प्रयास करेगी.
जिसके बाद कैबिनेट मंत्री असलम शेख ने भी मनोज कोटक के सवालों का जावाब देते हुए ट्वीट कर किया कि आपके चिंता की सराहना करता हू, आपके झुठे वादे का दावा है, खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि एमवीए बीजेपी की लाईन पर काम नही करती, जहां तक डब्बावालों का संबंध है, तो आप उनका बड़े पैमाने पर प्रतिनिधित्व करते हैं. आवश्यकता में हमने उनका समर्थन किया है, जो कि हम अभी भी खड़े हैं, उनके सांसद के रूप में आपकी जिम्मेदारी क्या है?
मनोज कोटक – जहाँ तक हमारी ज़िम्मेदारी का सवाल है, यह सच है कि महाराष्ट्र का हर नागरिक हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और हम सभी ज़रूरतमंदों की मदद करेंगे, क्योंकि हम ज़िम्मेदारियों से भागते नहीं हैं, जैसे आपने किया था!
जिसके बाद ट्वीटर पर दोनों पार्टियों के नेताओं के समर्थक आपस मे ही बहस बाजी करने लगे.
(रिपोर्ट-शुभम पाण्डेय )