देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है. अस्पतालों में ऑक्सीजन, मेडिकल उपकरणों और बेड्स की कमी के चलते बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही है. तो वहीं बढ़ते संक्रमण के बीच सेना पूरी तरह से एक्शन मोड़ में आ गई है. देश में डॉक्टर्स की कमी को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने थलसेना, वायुसेना और नौसेना के सेवानिवृत्त डॉक्टरों को रीकॉल किया है.जिन्हें अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया जाएगा.
मिली जानकारी के मुताबिक़ सेना मेडिकल कोर के स्थायी कमीशन और शार्ट सर्विस कमीशन के सेवानिवृत्त डॉक्टरों की कॉन्ट्रैक्ट पर ज्वाइन करा रही है. इन डॉक्टर्स की तैनाती का 11 महीनों के लिए होगी. शनिवार को रक्षा मंत्रालय ने महानिदेशक एएफएमएस को आदेश जारी किया था, जिसके बाद साल 2017-2019 के बीच रिटायर हुए डॉक्टर्स को ज्वाइनिंग दी जा रही है. डॉक्टरों को वेतन उनकी अंतिम सैलरी के बेसिक पे और स्पेशलिस्ट अलाउंसेज को जोड़कर दिया जाएगा.
आपको बता दें कि पिछले दिनों ही सीडीएस जनरल बिपिन रावक्त ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान ये बात कही थी कि Covid -19 से उपजे हालात को देखते हुए सेना के रिटायर्ड डॉक्टर्स को दोबारा तैनात किया जाएगा और मिलिट्री अस्पतालों को भी आम लोगों के लिए खोला जाएगा. सीडीएस ने महानिदेशक एएफएमएस को सेवानिवृत डॉक्टरों की भर्ती का प्रस्ताव बनाने का आदेश दिया. जिसे राष्ट्रपति से अनुमति मिलने के बाद अब इन डॉक्टर्स की भर्ती की जा रही है. इससे देश भर के मिलिट्री और नॉन मिलिट्री अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा सके .
ग़ौरतलब है कि मेकशिफ्ट कोविड अस्पताल बनाने से लेकर सेना ऑक्सीजन टैंकर पहुंचाने तक के कामों में जुटी हुई है. तो वहीं अब मिलिट्री अस्पतालों में आम लोगों के इलाज और सेवानिवृत्त डॉक्टर्स को रीकॉल करने का फ़ैसला कोरोना के खिलाफ जंग में अहम क़दम साबित होगा.