अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में लॉकडाउन 7 जून तक बढ़ा दिया है, लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है. 31 मई से लॉकडाउन में आंशिक रूप से ढील देने का फैसला किया गया है. इस दौरान काम के घंटे, लगातार जांच और कोविड उपयुक्त व्यवहार की निगरानी से विनिर्माण और निर्माण गतिविधियों को फिर से शुरू किया जाएगा.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा सात जून तक बढ़ाए गए लॉकडाउन के दौरान विनिर्माण इकाइयों और निर्माण स्थलों पर काम करने वाले श्रमिकों और कर्मचारियों को आवाजाही के लिए ई-पास ले जाने की आवश्यकता होगी.
बहरहाल, शनिवार को जारी डीडीएमए के एक आदेश में कहा गया है कि सोमवार से स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्रों में बंद परिसर के भीतर विनिर्माण इकाइयों के संचालन और कार्य स्थलों के भीतर निर्माण गतिविधियों की अनुमति दी गई है. इससे पहले शुक्रवार को डीडीएमए की बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाग लिया, जिसमें अन्य सभी प्रतिबंधों को जारी रखने के लिए निर्णय लिया गया, लेकिन कारखानों और निर्माण स्थलों को फिर से खोलने की अनुमति दी गई.
डीडीएमए के आदेश में कहा गया है कि कार्यस्थल पर केवल बिना लक्षण वाले श्रमिकों और कर्मचारियों को ही अनुमति दी जाएगी. सभी जिला मजिस्ट्रेट नियमित रूप से इन निर्माण इकाइयों और निर्माण स्थलों पर पर्याप्त संख्या में बिना किसी क्रम के लोगों की आरटी-पीसीआर/आरएटी जांच सुनिश्चित करेंगे. बता दें कि कोविड-19 की दूसरी लहर बढ़ने के कारण दिल्ली में 19 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया था, जिसे पांचवीं बार बढ़ा दिया गया है.
इससे पहले दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा था कि 31 मई से हम अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करेंगे. इस दौरान सबसे पहले समाज के गरीब तबके का ध्यान रखना है, जो कि गरीब और प्रवासी हैं. इसी वजह से सोमवार से एक हफ्ते के लिए कंस्ट्रक्शन और फैक्ट्रियों को खोला गया है. हालांकि इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है.