प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत स्वास्थ्य और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की तरफ लगातार बढ़ रहा है और खासतौर पर कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण अभियान बहुत जल्द अपने 100 करोड़ के लक्ष्य की ओर जा रहा है.
ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से, देशभर में पीएम केयर्स के तहत स्थापित 35 प्रेशर स्विंग एड्सॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करने के बाद दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 100 साल के सबसे बड़े कोरोना वायरस संकट का भारत ने बहुत बहादुरी से सामना किया है जिसे दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है.
मोदी ने कहा कि देश का सबसे बड़ा कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण अभियान भारत की एकजुटता का प्रतीक बन गया है. उन्होंने कहा कि देश के लिए यह गर्व की बात है कि अभी तक कोरोना रोधी टीकाकरण की 93 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकडे को पार कर जाएंगे.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल एक जांच प्रयोगशाला से अब 3,000 प्रयोगशालाओं तक का नेटवर्क बन गया है. उन्होंने कहा ‘मेड इन इंडिया’ के अभियान के तहत आज हम दूरदराज के इलाकों तक वेंटिलेटर पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस की लड़ाई में बड़ी जनसंख्या के साथ ही अपने भूगोल के कारण भी दोहरी चुनौती का निरंतर सामना किया जिसे समझना हर देशवासी के लिए जरूरी है.
उन्होंने कहा कि भारत ने सामान्य दिनों में प्रतिदिन होने वाले 900 मीट्रिक टन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन 10 गुना से ज्यादा बढ़ा दिया जो दुनिया के किसी भी देश के लिए ‘अकल्पनीय लक्ष्य’ था. लेकिन इसका परिवहन भी एक बड़ी चुनौती थी जिसके लिए विशेष टैंकरों का इस्तेमाल किया गया, ऑक्सीजन रेलगाडियां चलाई गईं, भारतीय वायुसेना के विमानों तथा डीआरडीओ के माध्यम से तेजस लडाकू विमानों की तकनीक का उपयोग किया गया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम केयर्स के तहत देशभर में 1150 ऑक्सीजन संयंत्र काम करना शुरू कर चुके हैं और अब देश का हर जिला पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र के दायरे में है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 4,000 नए ऑक्सीजन संयंत्र देश को मिलने जा रहे हैं.
मोदी ने कहा कि टीकाकरण के मामले में भारत ने दुनिया को राह दिखाई है कि टीकाकरण कैसे किया जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘पहाड़ हो या रेगिस्तान, जंगल हो या समंदर, 10 लोग हों या 10 लाख, हर क्षेत्र तक आज हम पूरी सुरक्षा के साथ टीके पहुंचा रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि इसके लिए देश भर में एक लाख 30 हजार से ज्यादा टीकाकरण केंद्र स्थापित हैं. उत्तराखंड भी विषम भूगोल के बावजूद जल्द शतप्रतिशत पहली डोज का पड़ाव पूरा करने वाला है जिसके लिए मुख्यमंत्री और उनकी टीम बधाई के पात्र हैं.
उन्होंने कहा, ‘’सरकारी मानसिकता को हम बाहर निकालने जा रहे हैं जिसमें नागरिक सरकार के पास नहीं बल्कि सरकार नागरिक के पास जा रही है.’’ इस संबंध में उन्होंने कहा कि गरीबों को पक्का घर, बिजली, पानी, शौचालय, गैस कनेक्शन, 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन, किसानों के बैंक खातों में सीधे हजारों करोड रू, पेंशन और बीमा सुविधा सभी नागरिकों तक पहुंचाने के प्रयास जैसे जनहित के काम तेजी से चल रहे हैं.
‘आयुष्मान भारत’ योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हम इसी रूख के साथ आगे बढ़ रहे हैं जहां गरीब और मध्यम वर्ग की बचत भी हो रही है और उसे सुविधा भी मिल रही है. उन्होंने कहा कि अब आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का प्रयास भी शुरू किया गया है.
उन्होंने कहा कि छह एम्स से बढ़कर अब हम 22 एम्स स्थापित करने के लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ रहे हैं. सरकार का यह भी लक्ष्य है कि हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कालेज हो. इसके लिए पिछले सात वर्षों में देश में 170 नए मेडिकल कालेज शुरू किए गए हैं और दर्जनों मेडिकल कालेजों पर काम जारी है.
मोदी ने कहा कि बाबा केदारनाथ की भव्यता को और बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चारधाम ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश—कर्णप्रयाग पर तेजी से काम चल रहा है जिससे श्रद्धालुओं को बहुत सुविधा होगी. देहरादून हवाई अडडे की यात्री क्षमता को 250 से बढाकर 1200 तक पहुंचाया गया.
उन्होंने कहा कि पानी की कनेक्टिविटी का लाभ उत्तराखंड की महिलाओं को मिलना शुरू हुआ है. केवल दो साल के भीतर जल जीवन मिशन के तहत राज्य के करीब छह लाख घरों को नल से जल मिला है.
देश की सुरक्षा में उत्तराखंड की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार फौजियों और पूर्व फौजियों के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही। इस संबंध में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ की 40 साल पुरानी मांग पूरी की और दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाया।
उन्होंने कहा कि जब वीर सैनिकों के पास आधुनिक हथियार और उपकरण होते हैं तो वे दुश्मन से आसानी से मुकाबला कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ का अभियान चलाया है, उससे भी हमारे फौजियों को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार के इन सभी प्रयासों का लाभ उत्तराखंड को होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम दशकों की उपेक्षा से देवभूमि को निकालने का पूरी गंभीरता और ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं. वीरान पड़े गांव अब आबाद होने लगे हैं. कोरोना काल में लोगों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि उनके घरों तक सड़क पहुंच चुकी है जिसके बाद उन्होंने वहां होमस्टे खोल दिए हैं.
मोदी ने कहा कि नए आधारभूत ढांचे से युवाओं के लिए पर्यटन और तीर्थाटन में नए अवसर खुलने वाले हैं. उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षो में उत्तराखंड अपने जीवन के 25वें वर्ष में प्रवेश करेगा और लोगों के लिए विकास कार्यों में जुट जाने का यही सही समय है.
इस संबंध में उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार उत्तराखंड को पूरी मदद दे रही है. उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास लोगों के सपनों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं और यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है.’’