गोवा विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस और सहयोगी गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है क्योंकि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की फिर से सत्ता में वापसी होती दिख रही है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गोवा चुनाव में कुल 40 सीटों में से 20 पर जीत हासिल की और उसे महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (MGP) और तीन निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन हासिल है. हालांकि, भाजपा ने अगली सरकार बनाने का दावा अभी पेश नहीं किया है। पार्टी का यह लगातार तीसरा कार्यकाल होगा.
कांग्रेस के उत्तरी गोवा जिला अध्यक्ष विजय भिके ने कहा कि चुनावों के लिए जीएफपी के साथ गठजोड़ करना कांग्रेस का गलत फैसला था, जिसके बाद वाकयुद्ध छिड़ गया.
भिके ने शुक्रवार को उत्तरी गोवा के सालिगाओ निर्वाचन क्षेत्र में संवाददाताओं से कहा, “मुझे लगता है कि हमने जीएफपी के साथ गठजोड़ करके गलत फैसला किया क्योंकि गठबंधन से कांग्रेस को किसी भी तरह का फायदा नहीं हुआ, लेकिन दूसरी पार्टी ने इसका फायदा उठाया.”
उन्होंने आरोप लगाया कि जीएफपी प्रमुख विजय सरदेसाई पार्टी उम्मीदवारों के लिए मयेम और मंद्रेम सीटें जीतने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि 2022 के चुनावों में जीएफपी की वोट हिस्सेदारी, 2017 के 3.5 प्रतिशत से गिरकर 1.8 प्रतिशत हो गई.
गोवा चुनावों के 10 मार्च को घोषित परिणाम में भाजपा ने सबसे अधिक 20 सीटें जीतीं. कांग्रेस ने 11 (2017 की तुलना में छह सीटों का नुकसान), जीएफपी ने एक (दो सीटों का नुकसान), एमजीपी ने दो, आम आदमी पार्टी ने दो, रेवोलुशनरी गोवन्स पार्टी ने एक सीट पर जीत हासिल की. तीन निर्दलीय भी जीते.
जीएफपी उम्मीदवार संतोष कुमार सावंत (मयेम) और दीपक कलंगुटकर (मंद्रेम) ने शनिवार को भिके पर निशाना साधा.
कलंगुटकर ने कहा, ‘‘सब लोगों को यह भी याद रखना चाहिए कि जीएफपी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने 2020 में भाजपा के खिलाफ टीम गोवा (गठबंधन) बनाने का आह्वान किया था. हालांकि, कांग्रेस ने इस पर तब तक कदम नहीं उठाया जब तक सरदेसाई नयी दिल्ली में राहुल गांधी से नहीं मिले और 2022 के चुनाव के लिए गठबंधन नहीं किया.”
उन्होंने कहा कि सरदेसाई के राहुल गांधी से मिलने के बाद भी, कांग्रेस के स्थानीय नेता कहते रहे कि “गठबंधन की घोषणा होनी बाकी है”, जिससे गठजोड़ पर संदेह पैदा हो गया.
गोवा में नयी सरकार के गठन में भाजपा द्वारा ‘देरी’ पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने एक दिन पहले कहा था कि वह भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर विचार करने के लिए तैयार है. हालांकि, भाजपा विधायकों के एक समूह ने कहा कि पार्टी अगले चार या पांच दिनों में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी.