चुनाव आयोग ने लाभ का पद के मामले में दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका दिया है। 20 विधायकों के भाग्य का फैसला चुनाव आयोग ने कर लिया है। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने इन विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की है। आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है। इन विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के बाद से ही इनकी सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है। आयोग ने इन सदस्यों की सदस्यता को अयोग्य ठहराया है। इससे पहले आम आदमी पार्टी को दिल्ली हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी।
हालांकि चुनाव आयोग ने जिस तरह से 20 विधायकों को सदस्यता रद्द करने का फैसला दिया है। ये दिल्ली की केजरीवाल सरकार के लिए बड़ा झटका है।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति से मुलाकात की थी और आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को कथित रूप से संसदीय सचिव के लाभ के पद पर काबिज रहने के कारण जल्द से जल्द अयोग्य ठहराने की मांग की थी। कांग्रेस ने इस मामले में देरी को लेकर सीईसी को अवगत कराया क्योंकि ये मामला मई 2015 से लंबित है। अजय माकन ने इस संबंध में सीईसी एके ज्योति को एक ज्ञापन भी दिया था।
संविधान केप्रावधानों के मुताबिक संसद या फिर विधानसभा का कोई सदस्य अगर लाभ के किसी पद पर होता है तो उसकी सदस्यता जा सकती है। यह लाभ का पद केंद्र और राज्य किसी भी सरकार का हो सकता है।