“भारत रत्न” से सम्मानित देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे।उनका पिछले करीब दो महीने से एम्स में इलाज चल रहा था और बीते तीन दिनों से उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था।
एम्स की तरफ से जारी बयान के मुताबिक , ‘पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 अगस्त 2018 को शाम 05.05 बजे अंतिम सांस ली। पिछले 36 घंटों में उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी। हमने पूरी कोशिश की पर आज उन्हें बचाया नहीं जा सका।’ वाजपेयी को यूरिन इन्फेक्शन और किडनी संबंधी परेशानी के चलते 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। मधुमेह के शिकार वाजपेयी का एक ही गुर्दा काम कर रहा था।
पूर्व पीएम अटल बिहारी के स्वास्थ्य में बीते दो दिनों से गिरावट आ रही थी। इससे पहले एम्स ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर बताया था कि पूर्व प्रधानमंत्री की तबीयत काफी खराब हो गई है। इसके बाद दूसरे मेडिकल बुलेटिन में उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं होने की बात कही गई। इसके बाद से ही अटल को देखने के लिए एम्स में नेताओं का तांता लग गया था।
भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी )के संस्थापकों में शामिल अटल बिहारी वाजपेयी 1996 से 1999 के बीच तीन बार प्रधानमंत्री चुने गए। वे पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार मात्र 13 दिनों तक ही चल पाई। वहीँ 1998 में वे दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली। और जब 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने सफलतापूर्वक 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा किया। 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले वह पहले गैरकांग्रेसी प्रधानमंत्री थे।
अटल बिहारी वाजपेयी 10 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा के लिए चुने गए। उनके जन्मदिन 25 दिसंबर को ‘गुड गवर्नेंस डे’ के तौर पर भी मनाया जाता है। साल 2015 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था।