गुजरात के गीर में शेरों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। यहाँ बीते 18 दिनों में रहस्यमय तरीके से 21 शेरों की मौत के मामले सामने आये है। वन विभाग ने इसके पीछे आपसी संघर्ष और अज्ञात बीमारी की आशंका से इंकार नहीं किया है। वहीँ इसके पहले तंजानिया में एक वायरस की चपेट में आने से 1994 में 1000 शेरों की मौत हो गई थी।
आंकड़ों के मुताबिक बीते 2 सालों में गीर के जंगलों में 84 शेरों की मौत हो चुकी है। जिसके चलते केंद्र सरकार ने एक कमिटी का भी गठन किया है। बीते दिनों इसी मामले पर गुजरात हाईकोर्ट में एमिकस क्युरी ने गीर सेंचुरी को ज्यादा विस्तार देने पर जोर दिया था। साथ ही शेरों के अप्राकृतिक मौत के मामले में दर्ज हुए केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग की थी। रिपोर्टस के मुताबिक , शेर के एक गुट को 260 स्क्वेयर मीटर विस्तार की जरूरत होती है।