केंद्रीय कर्मचारियों (Central Governemnt Employees) के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) की तीन अतिरिक्त किश्तों पर रोक लगाने का फ़ैसला किया गया है. इसमें इस साल 1 जनवरी से लागू की गई 4 फ़ीसदी की महंगाई दर भी शामिल है. कैबिनेट की मुहर के बाद इसका ऐलान पिछले महीने की 13 तारीख़ को किया गया था. हालांकि सरकार ने ये साफ़ किया है कर्मचारियों को वर्तमान दर के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलता रहेगा. महंगाई भत्ते की वर्तमान दर 17 फ़ीसदी है.
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस साल 1 जनवरी , 1 जुलाई और अगले साल 1 जनवरी से मिलने वाले महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किश्तें कर्मचारियों को नहीं दी जाएगी. दरअसल सरकार साल में दो बार महंगाई दर की समीक्षा कर उसमें बढ़ोत्तरी करती है. इसमें बढ़ी हुई दर के साथ पहली किश्त 1 जनवरी से तो दूसरी 1 जुलाई से लागू होती है. सरकार के आदेश का मतलब ये हुआ कि अब कर्मचारियों के महंगाई दर की अगली समीक्षा अगले साल 1 जुलाई के बाद ही की जाएगी और कर्मचारियों (Employees) और पेंशनभोगियों (Pensioners) को वर्तमान दर 17% की हिसाब से ही महंगाई भत्ता मिलता रहेगा.
आदेश में ये भी साफ़ किया गया है कि अगले साल 1 जुलाई के बाद भी कर्मचारियों को उन दिनों का बकाया नहीं दिया जाएगा जितने दिनों तक महंगाई भत्ता बढ़ाया नहीं जाएगा. हालांकि कर्मचारियों को सरकार ने आश्वासन ज़रूर दिया है कि अगले साल 1 जुलाई के बाद समीक्षा किए जाने के दौरान इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि इस अवधि में नहीं बढ़ाई गई दर को भी शामिल किया जाए.