इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र माने जाने वाला रमज़ान (Ramdan) का पाक महीना कल से शुरू हो रहा है. आज यानी 23 अप्रैल शाम को केरल में चांद का दीदार हो गया है. चांद दिखने के साथ ही केरल, कर्नाटक और दक्षिण भारत के कई राज्यों में शुक्रवार को रोजे का पहला दिन होगा.
एएनआई के ट्वीट के मुताबिक, कर्नाटक के उड्डपी और दक्षिणा कन्नड़ जिलों में गुरुवार शाम चांद दिख गया है. चांद दिखने के बाद कल यानी 24 अप्रैल से रोजा शुरू हो जाएंगे. वहीं देश के बाकी हिस्से में 25 अप्रैल से रमज़ान शुरू होंगे.
दरअसल, सऊदी अरब में भारत से एक दिन पहले रमजान शुरू होते हैं और ईद भी एक दिन पहले मनाई जाती है. ऐसे में दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में सऊदी के साथ ही रमजान शुरू होते हैं. जबकि भारत के बाकी राज्यों में एक दिन बाद रमजान और ईद मनाई जाती है.
इस बार रमजान लॉकडाउन (Lockdown) में पड़ रहा है. इसलिए ख़ास एहतियात बरतने की जरूरत है. कई इस्लामिक धर्म गुरुओं और संगठनों में फतवा जारी कर लोगों को लॉकडाउन में रमजान में रोजे रखने और इबादत करने का तरीका बताया है.
देवबंदी उलेमा कारी इसहाक गोरा ने बताया कि रमजान का पवित्र महीना शुरू होने जा रहा है, क्योंकि लॉकडाउन लगा हुआ है, लिहाजा सभी घरों में रहकर ही इबादत करें. मस्जिदों में 5 लोगों को नमाज पढ़ने की परमिशन है. इससे ज्यादा लोग इकठ्ठा न हों. सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए लोग घर में ही रमजान के पवित्र महीने में इबादत करें. हालांकि ईद को लेकर बाद में ऐलान किया जाएगा. देवबंद के पूर्व मोहातिम (वाइस चांसलर) मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी का कहना है कि जिस तरह से मौजूदा हाल में हम लोग पांचों वक्त की नमाज़ घरों में पढ़ रहे हैं, ठीक उसी तरह से तरावीह भी घरों में पढ़ी जा सकती है. इसमे कोई हर्ज नहीं है. दीनी लिहाज़ से भी ऐसी कोई बात नहीं है कि घरों में अगर तरावीह पढ़ी गई तो उसका उतना सवाब नहीं मिलेगा. इसलिए लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करें.
एएमयू में उर्दू डिपार्टमेंट के चैयरमेन डॉ. राहत अबरार का कहना है कि आने वाले रमज़ान में घरों पर ही तरावीह पढ़ें. लेकिन ध्यान रहे कि लॉकडाउन का भी पालन होता रहे. 5-6 लोग से ज़्यादा एक साथ तरावीह न पढ़ें. जितनी जरूरत रमज़ान में तरावीह पढ़ने की है उतनी ही जरूरत लॉकडाउन का पालन करने की भी है.