कोलकाता: पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अभद्र टिपण्णी से सियासी बवाल मच गया है। दिल्ली में प्रदर्शन कर रही ममता बनर्जी को लेकर दिलीप घोष ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी चाहती,तो बाल खींच कर उन्हें वहां से निकाल सकती थी। लेकिन मामले ने तूल उस समय पकड़ा जब दिलीप घोष की तरफ से कहा गया की उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से समझ बूझकर बयान दिया है,क्योंकि ममता बनर्जी प्रधानमंत्री के बारे में जो बोलती आई हैं। उसके सन्दर्भ में यह बयान दिया गया है।जिसका उन्हें कोई अफ़सोस नहीं है।
वहीँ टीएमसी के पार्थ चटर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि दिलीप घोष ने हमारी पार्टी सुप्रीमों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है। हम इसे अनदेखा नहीं करने वाले। दिलीप घोष ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया उसकी हम निंदा करतें हैं। दिलीप घोष पर आरोप लगाते हुए पार्थ ने कहा कि दिलीप ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है उससे पता चलता है कि वह मानसिक रूप से स्थिर नहीं हैं। उन्होंने हमारी पार्टी के लोगों को मार डालने की धमकी भी दी है।
इससे पहले मिदनापुर में बीजेपी युवा मोर्चे को संबोधित करते हुए दिलीप घोष ने ममता पर आरोप लगाते हुए कहा था कि नोटबंदी के बाद उनका दिमाग खराब हो चुका है। इसलिए वह हाल ही में दिल्ली और पटना भी गई थीं। जब कुछ हासिल नहीं हुआ तो अब वापस राज्य सचिवालय में आकर बैठ गई हैं। हमें तो लगा था कि वह गंगा में कूद जाएंगी। यह इंसान अपना आपा खो चुकी है। लोगों को बंगाल में बदलाव के नाम पर की गई इस गलती का अब एहसास हो रहा है।