प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन के दौरान रेटिंग स्टार के रूप में उभरे हैं. नीलसन एंड ब्रॉडकास्ट ऑडियंस काउंसिल (बीएआरसी) के प्रजेंटेशन में स्वतंत्रता दिवस के दिन मोदी के कार्यक्रम को टेलीविजन पर 4.64 बिलियन यानि कि 4.64 अरब मिनट तक देखे जाने का रिकॉर्ड बना. जबकि 2018 में इसे 3.59 अरब मिनट और 2019 में 3.28 अरब मिनट देखा गया. मोदी के दर्शकों ने इस साल 152 मिनट के भाषण को देखा, जबकि यह 2018 के 150 मिनट से और 2019 के 126 मिनट से अधिक था.
यही नहीं, देखे जाने वाले समय (मिनट) को छोड़ भी दें तो इसे देखने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है. इस साल इसे 13.3 करोड़ लोगों ने देखा, जबकि 2018 में 12.1 और 2019 में 10.9 करोड़ लोगों ने देखा था. आईएएनएस ने 27 अगस्त को बीएआरसी प्रमुख सुनील लुल्ला द्वारा पेश की गई इस रिपोर्ट के 11वें संस्करण की समीक्षा की, जिसमें कई रोचक जानकारियां सामने आईं.
इस रिपोर्ट से पता चला कि मोदी को लेकर यह उत्साह न केवल स्वतंत्रता दिवस के भाषण, बल्कि कोविड -19 के पहले संबोधन से लेकर 3 जुलाई को लेह में जवानों के शहीद होने के बाद दिए गए संबोधन और अन्य में भी देखा गया. कोविड-19 पर उनके 19 मार्च के पहले संबोधन को 1.275 अरब मिनट तक 8.3 करोड़ लोगों ने देखा. 24 मार्च को यह संख्या दोगुनी हुई लेकिन तीसरे संबोधन में ये आंकड़े गिर गए.
पीएम मोदी के संबोधनों की लोकप्रियता की यह कहानी यहीं खत्म नहीं होती. लॉकडाउन संबोधनों के अलावा यूपी में अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन ने तो पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए. जबकि अधिकांश कार्यक्रम में मोदी मौन बैठे थे और यह कार्यक्रम सबसे अधिक समय तक चला, इसके बाद भी इसे 198 टीवी चैनलों पर फैले 16.3 करोड़ दर्शकों ने 7.3 अरब मिनटों तक पहुंचाया.
हालांकि, 50 से अधिक चीनी ऐप्स के खिलाफ मोदी की दंडात्मक कार्रवाई ने उन्हें भारत के स्मार्टफोन वर्ग को लेकर जारी की गई संख्या में कोविड से पहले के 81 प्रतिशत से बाद में 25 प्रतिशत पर ला दिया. स्मार्टफोन पर स्ट्रीमिंग लॉकडाउन के पीक समय के बाद नीचे गिर रहा है. घर से काम करने के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का प्रतिशत इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या के मुकाबले 12 गुना बढ़ गया और इस पर खर्च किया गया समय 6 गुना बढ़ गया. होम डिलीवरी ऐप्स का उपयोग भी बहुत बढ़ा है.
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने बिग बॉस को पीछे छोड़ दिया है, जब एमेजॉन प्राइम, हॉटस्टार, एमएक्स (प्लेयर ऑनलाइन), नेटफ्लिक्स, वूट और जी 5 पर डायरेक्ट रिलीज हुईं तमाम फिल्मों को उनकी डिजनी प्लस पर रिलीज हुई ‘दिल बेचारा’ ने पीछे छोड़ा.
अमेरिका को लेकर नीलसन ने बताया कि 2020 में वीडियो स्ट्रीमिंग घरों के बीच कुल टीवी उपयोग का 25 प्रतिशत रही, जो कि 2019 की 16 प्रतिशत से अधिक है. इस साल स्ट्रीमिंग का एक-चौथाई हिस्सा 55 साल से अधिक उम्र वाले लोगों का है.