सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह, भारत में पहली प्रभावी हवाई रणनीतिकार हैं, जो युद्धपोत से हेलीकॉप्टर का परिचालन करेंगी. इससे पहले महिलाओं का प्रवेश केवल जमीनी ठिकाने से उड़ान भरने वाले विमानों तक ही सीमित था.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि दोनों महिला अधिकारी नौसेना के 17 अधिकारियों के समूह का हिस्सा हैं जिन्हें आईएनएस गरुड़ पर आज हुए समारोह में ‘ऑब्जर्वर’ के तौर पर पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद ‘विंग’ से सम्मानित किया गया. इस समूह में नौसेना की कुल चार महिला अधिकारी और भारतीय तटरक्षक बल के तीन अधिकारी शामिल हैं.
मंत्रालय ने बताया कि समूह में 13 अधिकारी नियमित बैच के थे जबकि चार महिला अधिकारी शॉर्ट सर्विस कमीशन बैच की थीं. समारोह की अध्यक्षता रियर एडमिरल एंटोनी जॉर्ज ने की, जो चीफ स्टाफ ऑफिसर (प्रशिक्षण) भी हैं. जॉर्ज ने ‘ऑब्जर्वर’ का पाठ्यक्रम पूरा करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया और प्रतिष्ठित विंग दिया.
इसके साथ ही कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने छह अधिकारियों (महिला अधिकारी सहित नौसेना के पांच अधिकारी और एक तटरक्षक बल का अधिकारी) को सफलतापूर्वक योग्य नेविगेशन प्रशिक्षक पाठ्यक्रम पूरा करने पर प्रशिक्षक बैच से सम्मानित किया.
रियर एडमिरल एंटोनी ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि यह ऐतिहासिक मौका है जब पहली बार महिलाओं को हेलीकॉप्टर का प्रशिक्षण दिया गया है जिससे अंतत: अग्रिम मोर्चों पर मौजूद युद्धपोतों पर उनकी तैनाती का रास्ता साफ होगा. बयान के मुताबिक 91 वें नियमित पाठ्यक्रम में 22वें एसएससी ‘ऑब्जर्वर’ पाठ्यक्रम में हवाई नेविगेशन, उड़ान की प्रक्रिया, हवाईयुद्ध की रणनीति, पनडुब्बी रोधी युद्ध और विमान के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों संबंधी प्रशिक्षण दिया गया.