उत्तर प्रदेश के हाथरस के बाद अब बलरामपुर में भी इंसानियत को शर्मसार करने का मामला सामने आया है. जहां सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने एक युवती की कमर और दोनों पैर तोड़ दिए. इसके बाद छात्रा को रिक्शे में बिठाकर घर भेज दिया गया, जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई. मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस घटना के इलाक़े में काफ़ी रोष देखा जा रहा है.
घटना बलरामपुर के गैसड़ी कोतवाली क्षेत्र की है. युवती के परिजनों का आरोप है कि 22 साल की दलित छात्रा 29 सितंबर की सुबह करीब 10 बजे बीकाॅम में एडमिशन कराने घर से निकली थी लेकिन घर नहीं लौटी. शाम को करीब 5 बजे उसकी खोजबीन शुरू हुई। करीब 7 बजे शाम को पीड़ित युवती एक रिक्शे से बुरी तरह से घायल अवस्था में घर पहुंची. उसकी ये हालत देख घर वालों ने पूछताछ करने की कोशिश की तो वह दर्द से कराहने लगी. जिसके बाद परिजनों ने गांव के दो डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन जब परिजन उसका इलाज करवाने के लिए जिला मुख्यालय रवाना हुए तो कुछ दूर जाते ही युवती ने दम तोड़ दिया.मृतक युवती की मां का आरोप है कि उसकी बेटी को इंजेक्शन लगाकर हैवानियत की वारदात को अंजाम देने के बाद कमर और दोनों टांगों को तोड़कर रिक्शे पर बैठाकर घर भेज दिया गया जिसके बाद वो कुछ भी बोल नहीं पा रही थी. वह सिर्फ इतना कह पाई, ‘बहुत दर्द है अब मैं बचूंगी नहीं.’ हालांकि बलरामपुर एसपी देव रंजन वर्मा ने युवती के हाथ पैर और कमर तोड़ने की बात से इंकार किया है क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
सूत्रों की मानें तो गैगरेप के बाद युवती के आंतरिक और बाहरी अंगों में काफी चोटें आई हैं जिसके कारण उसकी मौत हो गई. घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया कि मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. घटना की जांच की जा रही है.
बताया जा रहा है कि जब छात्रा घर पहुंची तो कीचड़ से लथपथ थी और उसके हाथ में ग्लूकोज चढ़ाने वाला वीगो लगा था. परिजनों ने जब गांव में पता करने की कोशिश की तो पता चला की गांव के ही एक डॉक्टर को गांव के ही एक लड़के ने एक घर में युवती की इलाज के लिए बुलाया था.
परिजनों ने आरोप लगाया कि जब युवती पचपेड़वा के विमला विक्रम महाविद्यालय में एडमिशन कराकर लौट रही थी तो गांव के ही 5 से 6 लड़कों ने उनका अपहरण कर लिया और गांव के ही एक घर में ले जाकर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. जिस रिक्शे पर युवती को घर पहुंचाया गया उसपर खून के धब्बे और रास्ते में उसकी जूती भी पाई गई है.
जघन्य गैंगरेप की शिकार पीड़ित दलित छात्रा मेधावी थी. करीब दो साल वह एक संस्था के जरिए किसानों को आधुनिक खेती करने के लिए जागरूक करने का काम भी करती थी. घटना के बाद पुलिस ने युवती के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया.
मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संयुक्त जिला चिकित्सालय स्थित पोस्टमॉर्टम हाउस में करीब 6 घंटे तक युवती का पोस्टमार्टम 4 डाक्टरों के पैनल ने किया. बलरामपुर के सीएमओ को भी पोस्टमार्टम हाउस तक आना पड़ा. देर शाम युवती का शव परिजनों को सौंपा गया.