उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) सशस्त्र बलों में भर्ती संबंधी केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया.
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि गर्मी की छुट्टी के बाद शीर्ष अदालत के फिर से खुलने पर याचिकाओं को अगले सप्ताह उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा.
सरकार ने पिछले महीने, ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी. योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा. इनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा. सरकार ने 16 जून को इस साल के लिए इस योजना के तहत भर्ती के वास्ते आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था.
क्या है अग्निपथ योजना ?
‘अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा. भर्ती के लिए साढ़े 17 साल से 21 साल की आयु सीमा तय की गई है. हालांकि, इस साल उम्र सीमा में युवाओं को दो साल की छूट दी गई है. मतलब 2022 में होने वाली भर्ती में 23 साल तक के युवा भाग ले सकेंगे. चार साल के अंत में 75 फीसदी सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा. अधिकतम 25 फीसदी इच्छुक जवानों को सेना में आगे भी सेवा देने का मौका मिलेगा. यह तब होगा, जब रिक्तियां होंगी. जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें सशस्त्र बल व अन्य सरकारी नौकरियों में वरीयता मिलेगी.
युवाओं को दी जाएगी छह महीने की ट्रेनिंग
नए नियम के मुताबिक, भर्ती होने वाले युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए 10वीं या 12वीं पास छात्र आवेदन कर सकेंगे. 10वीं पास जवानों को सेवाकाल के दौरान 12वीं भी कराई जाएगी. इन नौजवानों को अग्निवीर कहा जाएगा. अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी. इसके अलावा बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा. अगर कोई जवान ड्यूटी के दौरान डिसेबिल यानी दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक और बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा. चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा, जो 11.71 लाख रुपये होगा। योजना की शुरुआत 90 दिन बाद होगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी.