देश के अलग अलग हिस्सों में दस रुपए के सिक्कों की वैधता पर उठे सवालों को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने साफ़ किया है कि कोई भी सिक्का अमान्य नहीं है और सभी सिक्के चलन में हैं। ये सभी सिक्के समय-समय पर जारी किए गए अलग-अलग डिजाइनों के हैं। साथ ही केन्द्रीय बैंक का कहना है कि आरबीआई ने किसी भी सिक्के का भी लीगल टेंडर वापस नहीं लिया है और सारे सिक्के वैध हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि शेरावाली की फोटो वाला सिक्का, संसद की तस्वीर वाला सिक्का, सिक्के बीच में ’10’ लिखा हुआ सिक्का, होमी भाभा की तस्वीर वाला सिक्का, महात्मा गांधी की तस्वीर वाला सिक्का सहित दुसरे सभी सिक्के वैध हैं। केन्द्रीय बैंक के मुताबिक इन सिक्कों को विशेष मौकों पर जारी किया गया है।
दरअसल पाया गया है कि 10 रुपए के सिक्कों के लेन-देन को लेकर अक्सर लोगों के बीच अक्सर विवाद खड़ा हो जाता है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि दस रुपये का वही सिक्का मान्य है जिसमें 10 का अंक नीचे की तरफ लिखा गया है और दूसरी तरफ अशोक स्तंभ अंकित है। हालाकिं अब रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने इस संबंध में कहा है कि दस रुपए के सभी सिक्के वैध हैं।
सबसे ज्यादा विवाद उस सिक्के पर है जिसके बीच में ’10’ लिखा है और इसे नकली कहा जा रहा है। देश के कई हिस्सों में दस रुपए के सिक्कों को लेकर भ्रम की स्थिति है और कई दुकानदार और लोग इन सिक्कों को लेने से कतरा रहे हैं।लेकिन आरबीआई की ओर से एक ईमेल में जानकारी दी गई है कि यह सिक्का 26 मार्च 2009 को जारी किया गया था।
वहीँ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ‘भारत की वैध मुद्रा को लेने से इनकार करने पर राजद्रोह का मामला बनता है और जो ऐसा करता है उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (1) के तहत मामला दर्ज हो सकता है क्योंकि मुद्रा पर भारत सरकार वचन देती है। इसको लेने से इनकार करना राजद्रोह है।’