उत्तर प्रदेश पुलिस ने बदायूं जिले में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में फरार मुख्य आरोपी महंत को बृहस्पतिवार आधी रात को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.
पुलिस ने बताया कि आज शुक्रवार को उसका चिकित्सकीय परीक्षण कराया जाएगा और उसके बाद उसे स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा.
गौरतलब है कि गत रविवार को बदायूं जिले के उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव में मंदिर गयी 50 वर्षीय एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी.
परिजन ने मंदिर के महंत सत्य नारायण और उसके दो साथियों पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया. इस आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर दो आरोपियों वेद राम और जसपाल को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया था.
इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार से बृहस्पतिवार को मुलाकात की और इस घटना में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए.
चंद्रमुखी ने कहा, ‘‘ मैं महिलाओं से कहती हूं कि कहीं भी, किसी के प्रभाव में महिला को समय असमय नहीं पहुंचना चाहिए. सोचती हूं कि अगर संध्या के समय में वह महिला नहीं गयी होती या परिवार का कोई बच्चा साथ में होता तो शायद ऐसी घटना नहीं हुई होती,लेकिन यह सुनियोजित था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की वारदात जघन्य है और इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. सरकार ऐसे मामलों को लेकर बहुत सख्त है फिर भी ऐसी घटनाएं हो जाती हैं. मैं पुलिस की भूमिका से संतुष्ट नहीं हूं. अगर समय रहते कार्रवाई होती तो शायद महिला की जान बच जाती.’
उन्होंने कहा ‘महिला बेहोशी की स्थिति में थी. उसको अगर इलाज मिल जाता तो वह बच जाती. घटना का मुकदमा दर्ज होने में बहुत देर की गई. इसके अलावा पोस्टमार्टम में भी विलंब हुआ.’
चंद्रमुखी ने कहा, ‘किसी थाना प्रभारी को निलंबित करना काफी नहीं है. हमने एसएसपी से कहा है कि किसी दबाव में किसी को बख्शा नहीं जाना चाहिए. मिशन शक्ति और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों के बाद भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं, इसका मतलब यह है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ नहीं है.’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बदायूं की वारदात को गंभीरता से लेते हुए बरेली जोन के अपर पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर मामले की जांच में विशेष कार्य बल की भी मदद ली जाए साथ ही दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में की जाए. इस मामले में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन थाना प्रभारी को निलम्बित कर दिया गया है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला से बलात्कार की पुष्टि हुई है, उसके गुप्तांग में चोट के निशान पाए गए हैं तथा पैर की हड्डी टूटी होने की बात कही गई है.
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर यशपाल सिंह का कहना है कि महिला की मौत सदमे और अत्यधिक रक्तस्राव की वजह से हुई है.
घटना को निर्भया कांड जैसा बताया जा रहा है और इस बारे में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर मेडिकल विशेषज्ञों से राय ली जा रही है और उससे पहले इसे किसी भी घटना से जोड़ना गलत होगा.