मन में सच्ची लगन और कुछ कर गुजरने की चाहत हो, तो असम्भव कार्य भी सम्भव बन जाता है। महराजगंज जिले के ग्रामीण अंचल के मिठौरा बाजार निवासी और गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र 24 वर्षीय अजय कुमार ने एक नई सोंच और नई तकनीक से असंभव को संभव सच कर दिखाया है।
■ महराजगंज के मिठौरा बाजार के अजय कुमार ने दिखाया कमाल।
■ अजय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ललित कला का है छात्र।
■ बाइक की बैट्री व डीसी मोटर से चल रही अजय की साइकिल ।
डी डी यू गोरखपुर के ललित कला के छात्र अजय कुमार ने अपनी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बैट्री चलित साइकिल को एक महीने के अथक प्रयास से खिलौने की तर्ज पर बनाकर साबित कर दिया कि कुछ भी नामुमकिन नही है।
मिठौरा ब्लाक के ग्राम पंचायत मिठौरा निवासी अजय कुमार दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर में ललित कला वर्ग का छात्र है। अजय का कहना है कि बच्चों के खिलौने को देखकर मन में एक ख्याल आया कि अगर डीसी मोटर से खिलौने चल सकते हैं। तो फिर साईकिल क्यों नही। यहीं से अजय की खोज शुरू हुई और एक महीने के अथक प्रयास व इंटरनेट की सहायता से बैट्री से चलने वाली सायकिल का निर्माण कर दिया। कुछ नया करने की चाहत ने अजय को इसे बनाने के प्रेरित किया।
अजय की कला में बचपन से ही रूचि रही है। अजय ने स्वामी विवेकानंद, सुभाष चन्द्र बोस,अमिताभ बच्चन,भजन सम्राट अनुप जलोटा,बॉलीवुड सिंगर ऋतु पाठक,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,पूर्वमुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कई जानीमानी हस्तियों की कलाकृतियों को बना कर उन्हें भेंट भी कर चुका है। कला के क्षेत्र में विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपतियों द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।
पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए अजय ने इस साइकिल का अविष्कार कर डाला,यह सायकिल किसी स्कूटी से कम नही है। इसको बनाने में कुल 11 हजार रूपए की लागत लगी है। जिसे अजय ने अपनी ही बनाई पेंटिग को बेचकर इंतजाम किया। इस साइकिल को बनाने में 12 बोल्ट की दो बैट्री, एक्सीलेटर व 24 वाट का एक मोटर साइकिल में लगाया है। मिठौरा सहित पूरे क्षेत्र में बैट्री से चलने वाली यह साइकिल चर्चा का विषय बना हुआ है।
( शिवरतन कुमार गुप्ता )