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पिछले चुनाव से BJP ने लिया सबक, आरक्षण के मुद्दे पर साफ किया अपना स्टैंड – बोले नड्डा

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से आरक्षण को मौलिक अधिकार न बताए जाने के बाद इस मसले पर बहस छिड़ गई है. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election)को देखते हुए सतर्क हुई बीजेपी (BJP) ने अपना रुख आरक्षण के मसले पर साफ कर दिया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President J.P. Nadda) ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी आरक्षण का समर्थन करती है.

मोदी सरकार वंचित तबके को आरक्षण की सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने आरक्षण के मसले पर किसी भी तरह के भ्रम से लोगों को बचने की सलाह दी. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा, “समाज में कुछ लोग आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं.

मोदी सरकार और बीजेपी आरक्षण के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है. सामाजिक न्याय के प्रति हमारी वचनबद्धता अटूट है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार बार इस संकल्प को दोहराया है. सामाजिक समरसता और सभी को समान अवसर हमारी प्राथमिकता है. मैं स्पष्ट करता हूं, बीजेपी आरक्षण व्यवस्था के साथ है.”

माना जा रहा है कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी सतर्क है. पिछले विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए पार्टी ने आरक्षण पर बहस छिड़ते ही तुरंत स्टैंड साफ करते हुए समर्थन किया है. बिहार के पिछले चुनाव के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने एक बयान में आरक्षण की समीक्षा किए जाने की बात कही थी, जिसे तब आरजेडी मुखिया लालू यादव (Lalu Yadav) ने चुनाव के दौरान खूब भुनाया था.

लालू प्रसाद यादव ने समीक्षा की बात को आरक्षण खत्म करने की चाल बताते हुए इसे चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था. हालांकि, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रैलियों में साफ कर दिया था कि उनकी सरकार आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं करने वाली है. बावजूद, इसके पार्टी को चुनाव में आरक्षण का मुद्दा उछलने पर नुकसान उठाना पड़ा था.

अब एक बार फिर से आरक्षण पर बहस, सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार को दिए गए एक फैसले से उठी. जब सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) में ओबीसी कोटा (OBC Quota) को लेकर दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कहा था कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है.

यह याचिका तमिलनाडु की कई पार्टियों ने दाखिल की थी. याचिका में मेडिकल कॉलेजों में 50 फीसदी सीटें ओबीसी के लिए रिजर्व करने की मांग की गई थी.

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