बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह देश के कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी कमजोरियों पर पर्दा डालने के लिए धर्मांतरण के मुद्दे को राजनीतिक रंग देना चाहती है.
मायावती ने एक बयान में कहा, “डरा-धमका कर या लालच देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराना पूरी तरह अवैध है और ऐसे मामलों की सही जांच करा कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन एक सोची समझी रणनीति और साजिश के तहत इसकी आड़ में इसे जबरन हिंदू (बनाम) मुस्लिम मुद्दा बनाना तथा पूरे मुस्लिम समुदाय को शक की नजरों से देखना कतई उचित नहीं है. बसपा इसका डट कर विरोध करेगी.” उन्होंने कहा कि ऐसा दावा किया जा रहा है कि धर्मांतरण की आड़ में देश को नुकसान पहुंचाने की साजिश काफी पहले से चल रही थी और अगर यह सच है तो देश की खुफिया एजेंसियां अब तक क्या कर रही थी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विषय पर अब जो कार्रवाई हो रही है, वह बहुत पहले हो जानी चाहिए थी.
बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया, “इसके पीछे हमें भाजपा का राजनीतिक स्वार्थ ज्यादा नजर आ रहा है और ऐसा लगता है कि अब वे देश के कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी कमजोरियों पर पर्दा डालने के लिए इसे राजनीतिक रंग देना चाहते हैं. अगर यह वाकई में कोई साजिश है तो अत्यंत निंदनीय है.” इसके अलावा मायावती ने यह भी कहा कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने माफिया तत्व बता कर अब तक जिन लोगों की संपत्ति जब्त या ध्वस्त की है, उनमें ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग प्रभावित हुए हैं और इससे समुदाय में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है.
हालांकि, उन्होंने किसी के नाम का जिक्र किये बगैर यह कहा. गौरतलब है कि योगी सरकार ने मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगियों के खिलाफ हाल में इस तरह की कार्रवाई की है.