केंद्र सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) पर पांच वर्ष के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में पीएफआई को गैर-कानूनी संस्था घोषित करते हुए यूएपीए एक्ट के तहत इस पर बैन लगाया गया है. इसके साथ ही सरकार ने पीएफआई से जुड़े कई अन्य सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाने की घोषणा की है. केंद्र सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले का स्वागत करते हुए गृहमंत्री अमित शाह को बधाई दी है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पीएफआई पर बैन लगाने के गृह मंत्रालय की अधिसूचना की कॉपी को शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा, “बाय बाय पीएफआई!”
भाजपा राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि ने भी पीएफआई पर बैन लगाने के गृह मंत्रालय की अधिसूचना की कॉपी को शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा, “घरेलू स्तर पर बढ़ रहे आतंकवाद के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है.” रवि ने कांग्रेस पर पीएफआई को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए आगे कहा, “कांग्रेस द्वारा पोषित पीएफआई के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई.”
वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी एवं वर्तमान राज्यसभा सांसद बृज लाल ने पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई को भाजपा सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति का परिचायक बताते हुए ट्वीट कर कहा, “पीएफआई को प्रतिबंधित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह को साधुवाद. एक अतिवादी इस्लामिक संगठन का अब समूल नष्ट किया जा सकेगा, जो देश की एकता, अखंडता के लिए खतरा बन चुका था.”