उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह 10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए सीबीएसई और कई अन्य बोर्ड की ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करेगा.
न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा, ‘‘पाठ्यक्रम पूरा किए बिना परीक्षा कैसे करायी जा सकती है.’’
इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा था कि Covid-19 की स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन पाठ्यक्रम अभी पूरा नहीं हुआ है.
पीठ ने कहा कि याचिका की अग्रिम प्रति केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और अन्य संबंधित प्रतिवादियों के स्थायी वकील को दी जाए। उसने कहा, ‘‘हम इस पर कल सुनवाई करेंगे.’’
याचिकाकर्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय की ओर से पेश वकील ने मामले को रखा और पीठ से इस पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने पीठ से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में 2020 और 2021 तथा इस साल भी आदेश पारित किए थे, मुख्य समस्या यही है.
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल आपके समक्ष एक योजना रखी गयी थी. इस साल भी हमें ऐसा ही समाधान चाहिए, वरना यह खींचने जा रहा है.’’ उन्होने कहा कि इससे आगे दाखिलों पर असर पड़ेगा और छात्रों का भविष्य भी खतरे में होगा.
पीठ ने वकील से पूछा कि परीक्षाएं शुरू हो गयी है या शुरू होनी है. इस पर उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश बोर्ड की परीक्षा शुरू हो गयी है. उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना की स्थिति में सुधार आया है लेकिन कक्षाएं अभी पूरी नहीं हुई हैं…पाठ्यक्रम पूरा होने से पहले आपको परीक्षा नहीं करानी चाहिए. सीबीएसई ने कोई योजना का प्रस्ताव नहीं रखा है.’’
याचिका में सीबीएसई और अन्य शिक्षा बोर्ड को अन्य माध्यमों से परीक्षा कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. सीबीएसई और अन्य शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के लिए ऑफलाइन माध्यम से बोर्ड परीक्षाएं कराने का प्रस्ताव दिया है.
सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए 26 अप्रैल से बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला किया है.