केंद्र की मोदी सरकार ने BSNL और MTNL जैसी सरकारी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों के संबंध में बड़ा निर्णय लिया है. सरकार ने सभी केंद्रीय मंत्रालय, सार्वजिनक विभाग और सार्वजिनक क्षेत्र की सभी कंपनियों में BSNL-MTNL की सर्विस अनिवार्य कर दी हैं. दूरसंचार विभाग (DOT) ने इस बारे में सर्कुलर जारी किया है.
लोकसत्ता में छपी खबर में बताया गया है कि दूरसंचार विभाग ने अपने सर्कुलर में कहा है कि भारत सरकार ने अपने सभी मंत्रालय, विभाग, सीपीएसई, केंद्रीय स्वायत्त संस्थाओं में बीएसएनएल और एमटीएनएल की सेवाएं अनिवार्य करने को मंजूरी दी है. उनके द्वारा 12 अक्टूबर को ये सर्कुलर जारी किया गया है. वित्त मंत्रालय के चर्चा करने के बाद केंद्र सरकार के सभी सचिवालय एवं विभागों के लिए ये सेवा लागू की गई है.
सर्कुलर में कहा है कि बीएसएनएल और एमटीएनल सेवा अनिवार्य करने का फैसला मंत्रिमंडल ने किया है. इसके अनुसार सभी मंत्रालयों, विभागों, सीपीएसई और केंद्रीय स्वायत्त संस्थाओं को इंटरनेट, ब्रॉडबैंड, लैंडलाइन और लीज्ड लाइनों की सेवाओं के लिए बीएसएनएल और एमटीएनएल के नेटवर्क का ही उपयोग करना होगा.
सरकार द्वारा ये आदेश सरकारी दूरसंचार कंपनियों का घाटा कम करने के उद्देश्य से लिया गया है. ये कंपनियां तेजी से अपने कस्टमर बेस यानी ग्राहकों को खोती जा रही हैं. बीएसएनएल को सन 2019-20 में 15500 करोड़ रुपये का घाटा हुआ जबकि इसी अवधि में एमटीएनएल को 3694 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.