HomeNationalBudget 2024: अंतरिम बजट में सैलरीड क्लास-किसानों-सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी ये सौगात!

Budget 2024: अंतरिम बजट में सैलरीड क्लास-किसानों-सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी ये सौगात!

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आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट के जरिए सभी वर्गों को खुश करने का मोदी सरकार के पास आखिरी मौका है. अगले कुछ घंटों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी और ये उम्मीद की जा रही है कि बजट में टैक्सपेयर्स, किसानों, सरकारी कर्मचारियों को लुभाने के लिए लोकलुभावन एलान किए जायेंगे साथ ही विकास की रफ्तार को गति देने, साथ ही आधारभूत ढांचे की मजबूती के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए सरकार ज्यादा पैसे का प्रावधान करेगी.

मोदी सरकार की नजर सैलरीड क्लास से लेकर किसानों महिलाएं सभी पर है. सैलरीड क्लास और महिलाएं बीते एक साल से महंगाई से परेशान हैं. ऐसे में ये उम्मीद की जा रही है कि निर्मला सीतारमण महंगाई से राहत देने  के लिए टैक्स के मोर्चे पर टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दे सकती हैं. अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) की लिमिट को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये किया जा सकता है. साथ ही नए टैक्स रिजिम के तहत फिलहाल 7 लाख रुपये तक के आय पर इनकम टैक्स नहीं देना होता है.  इस लिमिट को बढ़ाकर 7.50 लाख रुपये किया जा सकता है. इलाज पर बढ़ते खर्च और मेडिकल इंश्योरेंस के महंगे होने के बाद मेडिक्लेम प्रीमियम के भुगतान पर टैक्स छूट क्लेम करने के लिए डिडक्शन की लिमिट को भी बढ़ाया जा सकता है.  

बचत को प्रोस्ताहित करने के लिए 80 सी के तहत निवेश की सीमा को 1.50 लाख रुपये से ऊपर बढ़ाने और होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख रुपये से ज्यादा करने का भी सरकार पर दबाव है.  मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ कम होगा तो इससे खपत को बढ़ाने में मदद मिलेगी जिसका फायदा अर्थव्यवस्था को होगा.

2022 तक मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था जो अब तक अधूरा है. ऐसे में किसानों को राहत देने के लिए सरकार पीएम किसान योजना के तहत 6000 रुपये सालाना दिए जाने वाले रकम को बढ़ाकर 9000 रुपये करने का एलान कर सकती है. मनरेगा स्कीम ने कोरोना काल के दौरान ग्रामीण इलाकों में रोजगार देने वाला सबसे कारगर कार्यक्रम साबित हुआ था. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार शहरी इलाकों में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए शहरी मनरेगा जैसी योजना शुरू कर सकती है.

एनपीएस की समीक्षा के लिए केंद्र सरकार ने अप्रैल 2023 में वित्त सचिव टीवी सोमानाथन की अध्यक्षता वाली कमिटी का गठन किया गया था. इस बीच कमिटी ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा अलग अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ एनपीएस (NPS) को लेकर चर्चा की है. वित्त मंत्री सीतारमण जब अंतरिम बजट पेश करेंगी तो इस बात के आसार हैं कि नेशनल पेंशन स्कीम को लेकर स्टेटस रिपोर्ट भी वे संसद में पेश करें.

सरकार की नजर 1.17 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स पर भी है. ऐसे में इस बात के आसार है कि मोदी सरकार डिफेंस फोर्सेज समेत सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन किए जाने की घोषणा अंतरिम बजट में कर सकती है. जिससे सरकारी कर्मचारियों पेंशनर्स के वोट को हासिल किया जा सके. एक जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाना है.

मौजूदा वर्ष 2023-24 में मोदी सरकार ने आधारभूत ढांचे की मजबूती के लिए पूंजीगत खर्च के लिए 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे जिससे देश में वर्ल्डक्लास आधारभूत ढांचा तैयार किया जा सके. पूंजीगत खर्च के लिए अंतरिम बजट में 12 लाख रुपये तक का प्रावधान किया जा सकता है. इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. रेलवे के आधुनिकरण पर भी सरकार का जोर रहने वाला है. 400 के करीब नए वंदे भारत ट्रेनें चलाने का एलान बजट में संभव है.

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