कोरोना महामारी को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को दुर्गा पूजा उत्सव के लिए दिशानिर्देश जारी किया है. इस दौरान उन्होंने सभी दुर्गा पूजा आयोजकों से अनुरोध किया कि वो पंडाल में कोरोना को देखते हुए उचित वायु-संचार के लिए पंडाल को चारों तरफ से खुला रखें. मुख्यमंत्रीममता बनर्जी ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर आगामी नवरात्रि से पहले भव्य दुर्गा पूजा कार्निवल और सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया है.
सुरक्षा प्रोटोकॉल की घोषणा करते हुए, बनर्जी ने कहा कि पूजा समिति को उन सभी लोगों को सैनिटाइज करना होगा जो पंडालों का दौरा करेंगे, इसके साथ ही जो लोग मास्क न पहने हो उन्हें मास्क प्रदान करें. उन्होंने कहा कि पंडाल में आने वाले सभी लोगों के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य है.
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि “इस वर्ष दुर्गा पूजा कार्निवल का आयोजन नहीं किया जाएगा.” इस साल के उत्सव में पंडालों के अंदर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी अनुमति नहीं है.
ममता बनर्जी ने आगे घोषणा की कि दुर्गा पूजा समितियों को राज्य सरकार से अनुदान के रूप में प्रत्येक को 50,000 रुपये मिलेंगे और 80,000 फेरीवालों को पूजा से पहले 2000 रुपये का एकमुश्त अनुदान मिलेगा. दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है और राज्य में सप्ताह भर चलने वाले उत्सव 22 अक्टूबर से शुरू होगा.
सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश
- इस वर्ष दुर्गा पूजा के दौरान किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं है.
- दुर्गा पूजा पंडालों में जाते समय सभी के लिए फेस मास्क अनिवार्य हैं. हैंड सैनिटाइज़र सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं पर उपलब्ध होना चाहिए.
- COVID-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए रखने के लिए आयोजकों को अधिक स्वयंसेवक रखना चाहिए. स्वयंसेवकअनिवार्य रूप से फेस शील्ड पहने हो.
- ‘अंजलि’ और ‘सिंदूर खेला’ जैसी रस्मों के लिए पर्याप्त स्लॉट रखें.
- माइक पर मंत्रों की घोषणा हो ताकि लोग इसे दूर से भी सुन सकें.
- विसर्जन के दौरान, सभा से बचने के लिए पूजा पंडालों को स्लॉट दिए जाएंगे. दुर्गा पूजा के लिए सिंगल विंडो अनुमति 2 अक्टूबर से शुरू होगी.
- अग्निशमन दल कोई शुल्क नहीं लेंगे, कोलकाता नगर निगम की फीस (केएमसी) कोई फीस नहीं लेगा, सीईएससी (बिजली) की फीस दुर्गा पूजा पंडालों के लिए 50 प्रतिशत मुफ्त है.
- हर पंडाल में सार्वजनिक घोषणा प्रणाली लगनी चाहिए. दुर्गा पूजा को बड़ी स्क्रीन पर दिखाना और वर्चुअल मंच पर पुरस्कार की घोषणा करना.