उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में ट्रेन रोकने के एक मामले में 17 साल बाद फ़ैसला आया है. जानकारी के मुताबिक़ एक राजनीतिक आंदोलन के दौरान ट्रेन रोकने के लिए 17 साल पुराने मामले में बीजेपी सांसद कमलेश पासवान और एक पूर्व सभासद को एक साल कैद की सजा और दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल ने बुधवार को बीजेपी सांसद कमलेश पासवान और पूर्व सभासद राजेश कुमार को एक राजनीतिक आंदोलन के दौरान ट्रेन रोकने के 17 साल पुराने मामले में एक साल कैद और दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. हालांकि बुधवार को ही फैसले के खिलाफ अपील करने के बाद दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
मामला 18 दिसंबर 2004 का है, जब ट्रेन संख्या 222 सुबह नौ बजकर 33 मिनट पर नखा जंगल स्टेशन पर पहुंची, तब कमलेश पासवान (तत्कालीन विधायक) और सभासद राजेश कुमार समर्थकों के साथ पहुंचे और ट्रेन को आगे बढ़ने से रोक दिया. हालांकि जब रलवे के क्षेत्रीय प्रबंधक मौके पर पहुंचे तो उन्होंने ज्ञापन देने के बाद रेलवे ट्रैक को खाली कर दिया.
ट्रेन लगभग दो घंटे तक वहां खड़ी रही और इसके कारण उस मार्ग की कई ट्रेनें देरी से चलीं और कुछ रद्द भी हुईं. ट्रेन के गार्ड और ड्राइवर ने रेलवे अधिनियम की धारा 174 के तहत आरपीएफ की नखा जंगल चौकी में मामला दर्ज कराया था.