पूरी दनिया इस वक्त जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप झेल रही है. सभी देश इस वायरस को खत्म करने और अपने-अपने देशवासियों को इससे निजात दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. ब्राजील में भी कोरोना वायरस ने कहर बरपा रखा है. अमेरिका के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो(Jair Bolsonaro) ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर उसने मदद की गुहार लगाई है. अपनी चिट्ठी में बोलसोनारो ने संकट मोचन हनुमान जी का हवाला दिया है.
आज हनुमान जयंति है और ब्राजील के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में हनुमान जी का ही जिक्र किया है. राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो ने लिखा है, ‘’जिस तरह भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण की जान बचाने के लिए हनुमान हिमालय से संजीवनी लेकर आए थे, जिस तरह से ईसा मसीह ने बीमारों को ठीक किया, उसी तरह भारत और ब्राजील एक साथ मिलकर इस संकट से उबर सकते हैं. दोनों देश लोगों के भलाई के लिए कदम उठाएं. इस मुश्किल घड़ीं में मेरा अनुरोध स्वीकार करें.’’
दरअसल माना जा रहा है कि राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो ने मलेकिया की हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) दवाई को लेकर पीएम मोदी से मदद मांगी है. इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी पीएम मोदी से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) दवाई के निर्यात का निवेदन किया था. मलेरिया के इलाज में उपयोग होने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सबसे बड़ा विनिर्माता भारत है. दुनिया में इन दवा के उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 70 फीसदी है. इस दवा को कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में पासा पलटने वाला माना जा रहा है.
देश में हर महीने 40 टन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) उत्पादन की क्षमता है. यह 200-200 एमजी के करीब 20 करोड़ टैबलेट के बराबर बैठता है. क्योंकि इस दवा का उपयोग रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी ‘आटो इम्यून’ बीमारी के इलाज में भी किया जाता है, इसके कारण विनिर्माताओं के पास उत्पादन क्षमता अच्छी है.
ग़ौरतलब है कि कि ब्राजील में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. देश में अबतक 14 हजार 49 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. जबकि 688 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 127 लोग ठीक हुए हैं.