महाराष्ट्र (Maharashtra) में अब कोरोना मरीजों का इलाज प्जाज्मा थेरेपी (Plasma therapy) से हो सकेगा. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने महाराष्ट्र सरकार को अनुमति दे दी है. ICMR ने बुधवार को मुंबई में कोविड-19 के मरीजों का उपचार प्रायोगिक तौर पर प्लाज्मा विधि से करने की अनुमति दी. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी.
राजेश टोपे ने उस गणितीय शोध को भी निराधार बताया जिसमें अनुमान लगाया गया था कि राज्य में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या 5,600 से बढ़कर 30 अप्रैल तक 42,000 हो जाएगी. उन्होंने कहा, “कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए लोगों के प्लाज्मा (रक्त का एक हिस्सा) में कुछ एंटीबॉडी होते हैं. इन लोगों के प्लाज्मा का अति सावधानी से उपयोग करने पर अच्छे परिणाम मिले हैं.”
महाराष्ट्र ने ICMR से प्लाज्मा उपचार की अनुमति मांगी थी. टोपे ने कहा, “हमें आईसीएमआर से प्रायोगिक तौर पर प्लाज्मा विधि से उपचार करने की अनुमति मिल गई है.” अप्रैल के अंत तक राज्य में संक्रमण के 42,000 मामलों का अनुमान करने वाले गणितीय शोध पर मंत्री ने कहा, ‘उस शोध के कुछ वैज्ञानिक आधार हैं लेकिन उसके हिसाब से राज्य में कोविड-19 के मामले 3.8 दिन में दोगुने होने चाहिए जबकि वर्तमान में संक्रमण के मामले सात दिन में दोगुने हो रहे हैं.’
शोध में यह भी कहा गया है कि वर्तमान स्थिति बरकरार रहेगी जो कि गलत है. राज्य में संक्रमण से अधिक प्रभावित क्षेत्रों (हॉटस्पॉट) की संख्या 14 से घट कर पांच हो गई है. टोपे ने कहा कि कोविड-19 (COVID-19) से मरने वालों की संख्या में भी कमी आई है इसलिए लोगों को इस शोध पर ध्यान नहीं देना चाहिए और चिंता नहीं करनी चाहिए.