देश में 15 से 18 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को सोमवार से Covid-19 रोधी टीकों की खुराक दी जानी शुरू कर दी गई. कोरोना वायरस संक्रमण के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ (Omicron) के बढ़ते प्रकोप के बीच इस आयुवर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में फोर्टिस अस्पताल, सर गंगा राम अस्पताल और अन्य केन्द्रों पर बच्चों को टीकों की खुराक दी जा रही है. राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों से संक्रमण के दैनिक मामलों में काफी वृद्धि दर्ज की गई है.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 दिसंबर को दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा था कि इस आयुवर्ग के बच्चों को केवल कोविड-19 रोधी ‘कोवैक्सिन’ टीके (Covaxin vaccine) की खुराक दी जाएगी.
भारत के औषधि महानियंत्रक (The Drug Controller General of India-DGCI) ने 24 दिसंबर को कुछ शर्तों के साथ 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए स्वदेशी रूप से विकसित भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी ‘कोवैक्सिन’ टीके के आपात स्थिति में उपयोग की स्वीकृति दे दी थी.
टीकाकरण का पंजीकरण कराने के लिए बनाए गए ‘कोविन’ पर रविवार शाम तक 15 से 18 आयु वर्ग के छह लाख से अधिक बच्चों ने टीका लगवाने के लिए पंजीकरण करा लिया था.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को कहा था कि 15 से 18 आयु समूह के किशोरों के टीकाकरण के दौरान कोविड-19 रोधी टीकों में घालमेल से बचने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को अलग-अलग टीकाकरण केन्द्र स्थापित करने सहित आवश्यक उपाय करने चाहिए.
सूत्रों द्वारा साझा किए गए आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक भारत के महापंजीयक के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में इस श्रेणी में टीकाकरण कराने वाले किशोरों की संख्या 10 लाख है.
देश में पिछले साल 16 जनवरी को टीकाकरण शुरू होने के बाद से दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में जहां टीकाकरण केन्द्र स्थापित किए गए उनके अधिकारियों ने कहा है कि किशारों के टीकाकरण के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया गया है.
चिकित्सकों ने माता-पिता से अपने बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण कराने का आग्रह किया है, ताकि कोविड-19 वैश्विक महामारी की तीसरी लहर के डर से उन्हें सुरक्षा प्रदान की जा सके.