उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में दिल्ली से हाथरस पीड़िता के गांव जाने के दौरान एक्सप्रेस-वे पर पकड़े गए पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चार कथित सदस्यों की न्यायिक हिरासत 90 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है. उनपर देशद्रोह, सांप्रदायिक उन्माद भड़काकर दंगा कराने के प्रयास का मामला दर्ज है.
जिला शासकीय अधिवक्ता (आपराधिक मामले) शिवराम सिंह तरकर ने बताया, ‘अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (प्रथम) अनिल कुमार पांडेय की अदालत में चल रहे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया/कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के चार सदस्यों के खिलाफ चल रहे मामले में एसटीएफ के उपाधीक्षक राकेश पालीवाल ने इस मामले में चार्जशीट पेश करने के लिए तीन महीने का और समय मांगा है.’
उन्होंने बताया, ‘वैसे भी इस मामले में एनआइए एक्ट लागू होने के बाद कानूनन आरोपपत्र दाखिल करने के लिए जांच दल को 90 दिन के स्थान पर 180 दिन का समय दिए जाने का प्रावधान है. पालीवाल ने भी यही हवाला देकर समय मांगा था, जो अदालत ने उन्हें दे दिया है. अब वह जांच समाप्त होने के बाद तय अवधि के भीतर चार्जशीट दाखिल करेंगे.
गौरतलब है कि हाथरस में एक दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म और उसके बाद उसकी हत्या हो जाने के बाद वहां दंगा भड़काने के प्रयास में दिल्ली से कार में जाते समय 5 अक्टूबर को एक्सप्रेस-वे के मांट टोल प्लाजा पर पकड़े गए पीएफआई के चार सदस्यों पर कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की जांच सरकार के जरिए गठित एसटीएफ कर रही है.