बांदा जिले के बिसंडा क्षेत्र के एक गांव में कथित रूप से सरकारी हैंडपंप ‘छू’ लेने के मामले में दबंगों द्वारा पिटाई से डरे एक दलित परिवार ने अपना घर छोड़ दिया है और खेत में झोपड़ी बनाकर रह रहा है.
बिसंडा थाना क्षेत्र के तेंदुरा गांव के मजरा शंकरपुरवा के दलित परिवार के मुखिया रामचन्द्र रैदास ने सोमवार को बताया कि दबंगों के भय से उन्होंने सपरिवार अपना घर छोड़ दिया है और खेत में झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं.
रामचन्द्र ने बताया कि 25 दिसंबर को पीने का पानी भरने के दौरान सरकारी हैंडपंप ‘छू’ लेने का आरोप लगाकर पड़ोस में रहने वाले दबंगों ने उन्हें और उनके बुजुर्ग पिता चुनकाई को लाठियों से पीटकर घायल कर दिया था. इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की थी.
उन्होंने बताया, ‘‘दबंगों ने घर में आग लगाकर जिंदा जलाने की धमकी दी है, जिसके डर से हमलोगों ने घर छोड़ दिया है.’’
पीड़ित ने बताया, ‘‘घटना के बाद से अब तक कोई पुलिसकर्मी नहीं आया और न ही मामले की जांच शुरू की गयी है. आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.’’
रामचन्द्र ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने वास्तविक घटना छिपाकर मामूली धाराओं में मामला दर्ज किया है और प्राथमिकी में घायल पिता का उल्लेख नहीं किया है.
बिसंडा थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, ‘‘यह मारपीट का साधारण मामला है, जिसकी जांच बबेरू के पुलिस क्षेत्राधिकारी कर रहे हैं. गिरफ्तारी या आगे की कार्रवाई भी वही करेंगे.’’
उन्होंने कहा कि पीड़ित ने घटना के समय जो शिकायत थाने में दी थी, उसके आधार पर तीन आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. पीड़ित परिवार के घर छोड़कर खेत में रहने की जानकारी पुलिस को नहीं है.