नईदिल्ली : नजीब जंग के बाद अब दिल्ली के नए लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल के साथ भी केजरीवाल सरकार की जंग शुरू हो चुकी है। ऐसे में लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को जोर का झटका दिया है। डीटीसी बसों के किराये को 75 फीसदी तक कम किए जाने के केजरीवाल सरकार के प्रस्ताव वाली फाइल को उप राज्यपाल ने लौटा दिया है। जो कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार का दिल्ली के अपने आप में पहला बड़ा प्रस्ताव था
दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने दिसम्बर में ऐलान किया था कि नॉन एसी बसों के किराये में 5 रुपये और एसी बसेज के किराये में 10 की कटौती करने का फैसला लिया गया है। इस प्रस्ताव के अप्रूवल के लिए फाइल एलजी अनिल बैजल बीते हफ्ते भेजी गई थी। लेकिन अनिल बैजल ने फाईल लौटाते हुए दिल्ली सरकार से दूसरे प्रपोजल के लिए विचार करने को कहा है।
सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकर का यह कदम पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने और पल्यूशन कम करने के इरादे से उठाया गया था। फाइनैंस डिपार्टमेंट से आपत्ति के बावजूद सत्येंद्र जैन को यह उम्मीद थी कि एलजी इस प्रस्ताव पर मुहर लगा देंगे। इसके पहले फाइनैंस डिपार्टमेंट ने इस बात को लेकर शंका जाहिर की थी कि किराया घटाए जाने से दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की बसों का ज्यादा इस्तेमाल किया जायेगा।
मौजूदा समय में डीटीसी के बेड़े में कुल 4,000 के आसपास बसें हैं। इनमें से 3,700 बसों का रोजाना संचालन होता है। जिसमे रोजाना तकरीबन 35 लाख यात्री सफर करते हैं।