भारतीय त्योहारों में दिवाली का काफी महत्व है. लोग इस त्योहार को बड़े ही धूमधान के साथ मनाते हैं. दिवाली पर लोग अपने घरों को अच्छे से सजाते हैं और दियों और लाइट से रोशनी भी करते हैं. मान्यता है कि इस दिन रावण पर भगवान राम विजय हासिल कर अयोध्या वापस लौटे थे. जिसके बाद लोगों ने भगवान राम के आने की खुशी में दीप जलाकर स्वागत किया गया. कार्तिक अमावस्या की रात काफी अंधेरी होती है. वहीं दीप जलाकर चारों तरफ रोशनी कर इस अंधकार में भी खुशहाली ला दी जाती है.
दीपावली हिंदुओं का काफी बड़ा पर्व माना जाता है. इस बार दिवाली 14 नवंबर को है. हालांकि तमिल लोग अपनी दिवाली मुख्य दिवाली से एक दिन पहले मनाते हैं. छोटी दिवाली या रूप चौदस के दिन ही तमिल दिवाली मनाई जाती है. तमिलनाडु में इस बार 13 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी.
दरअसल, प्रदोष के महीने में अमावस्या तिथि प्रचलित होती है तो पूरे भारत में दीपावली मनाई जाती है यानी सूर्यास्त के ठीक बाद. हालांकि तमिलनाडु में दीपावली चतुर्दशी तिथि ब्रह्म मुहूर्त के दौरान प्रचलित होती है. जिसके कारण तमिलनाडु में सूर्योदय से ठीक पहले दिवाली मनाई जाती है. वह भी मुख्य दिवाली से एक दिन पहले यानी चौदस के दिन दिवाली मनाई जाती है.
दिवाली पर तमिलनाडु राज्य में लोग जल्दी उठते हैं. सूर्योदय से पहले स्नान किया जाता है और नए कपड़े पहने जाते हैं. इसके साथ ही मिट्टी के दीपक भी जलाए जाते हैं. पूजा होती है और पटाखे जलाए जाते हैं. तमिलनाडु में चतुर्दशी तिथि को सुबह ही दीपावली मनाई जाती है. पूरे भारत में जहां दीपावली अयोध्या में भगवान राम के आगमन के रूप में मनाई जाती है. वहीं मान्यतानुसार तमिलनाडु में भगवान कृष्ण और देवी सत्यभामा के जरिए राक्षस नरकासुर के वध के उपलक्ष्य में दिवाली का त्योहार चतुर्दशी के दिन मनाई जाती है.
Source : First Post