लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव के बीच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मंगलवार को ओडिशा के बालासोर में ‘ABHYAS’ का सफल परीक्षण किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, परीक्षण के दौरान विभिन्न रडारों और इलेक्ट्रो ऑप्टिक सिस्टम के जरिए इसकी निगरानी की गई.
बता दें कि अभ्यास एक लड़ाकू ड्रोन है और DRDO मंगलवार से पहले भी इसका परीक्षण कर चुका है. ‘ABHYAS’ ड्रोन को ऑटोपायलट मोड में स्वतंत्र उड़ान के लिए डिजाइन किया गया है. वहीं, इसके नेविगेशन के लिए देश में ही विकसित माइक्रो-इलेक्ट्रोमेकैनिकल सिस्टम (MEMS) आधारित नेविगेशन सिस्टम का उपयोग किया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, परीक्षण के दौरान इसकी परफॉर्मेंस पूरी तरह से सही रही. ट्रायल के दौरान, दो डेमंस्ट्रेटल वीइकल्स का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. इन वीइकल्स का इस्तेमाल विभिन्न मिसाइल सिस्टम्स के मूल्यांकन के लिए टारगेट के रूप में किया जा सकता है. अभ्यास ड्रोन एक छोटे गैस टरबाइन इंजन पर काम करता है. इसको उड़ान भरने के लिए किसी बाहरी मदद की आवश्यकता नहीं होती है. इस ड्रोन का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके की मिसाइल और एयरक्राफ्टस का पता लगाने के लिए हो सकता है. अभ्यास ड्रोन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह ऑटोपायलट की मदद से अपने टारगेट पर आसानी से निशाना लगा सकता है.
‘ABHYAS’ एडीई में एक हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) विकसित किया जा रहा है. इसके सफल परीक्षण पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘ITR-बालासोर से हाई स्पीड एक्सपैंडेबल एरियल टारगेट ‘ABHYAS’ के सफल परीक्षण के साथ ही DRDO ने आज एक मील का पत्थर हासिल किया है. इसका इस्तेमाल विभिन्न मिसाइल सिस्टम्स के मूल्यांकन के लिए टारगेट के रूप में किया जा सकता है. इस उपलब्धि के लिए DRDO और को बधाई.’
ABHYAS को पहली बार 2012 में लॉन्च किया गया था और इसकी शुरुआती लागत लगभग 15 करोड़ रुपये थी.