25 अक्टूबर को देश में धूमधाम से दशहरा मनाया जायेगा. बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दशहरे के दिन रावण दहन किया जाता है, लेकिन कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां रावण को पूजा जाता है. इनमें सबसे खास है मध्य प्रदेश का मंदसौर. मंदसौर से रावण का एक खास रिश्ता बताया जाता है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मंदसौर रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका था और यही वजह कि यहां के लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं. बताया जाता है कि मंदसौर में नामदेव समाज के लोग मंदोदरी को अपने वंश की बेटी बताते हैं और इस वजह से ही रावण को वहां आज भी जमाई जैसा सम्मान दिया जाता है.
मंदसौर में रावण की एक विशाल प्रतिमा भी है जो 41 फीट ऊंची है. रावण की ये प्रतिमा चार सौ साल पुरानी बताई जाती है. जहां हर दिन लोग पूजा करने आते हैं. महिलाएं रावण की पूजा करने के दौरान घूंघट करती हैं और विशेष रूप से संतान प्राप्ति की कामना करती है.
यहां के लोग दशहरा के दिन सुबह-सुबह ढोल-बाजे के साथ जाकर रावण की प्रतिमा की पूजा-अर्चना करते हैं. इसके बाद राम और रावण की सेनाएं निकलती हैं और शाम के समय रावण दहन किया जाता है. दहन से पहले लोग रावण से क्षमा याचना भी की जाती है.