प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भ्रष्टाचार का वंशवाद ना सिर्फ एक बड़ी चुनौती है बल्कि वह कई राज्यों में राजनीतिक परंपरा का हिस्सा बन गया है जो देश को दीमक की तरह खोखला करता है.
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सतर्कता एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि वे भारत बनाम भ्रष्टाचार की लड़ाई में देश का साथ दें और समृद्ध व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहयोग करें.
उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं आपके सामने एक और बड़ी चुनौती का जिक्र करने जा रहा हूं. ये चुनौती बीते दशकों में धीरे-धीरे बढ़ते हुए अब देश के सामने एक विकराल रूप ले चुकी है. ये चुनौती है- भ्रष्टाचार का वंशवाद. यानि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर हुआ भ्रष्टाचार.’’ मोदी ने कहा कि बीते दशकों में देश ने देखा है कि जब भ्रष्टाचार करने वाली एक पीढ़ी को उचित सजा नहीं मिलती तो दूसरी पीढ़ी और ज्यादा ताकत के साथ भ्रष्टाचार करती है.
उन्होंने कहा, ‘‘उसे दिखता है कि जब घर में ही करोड़ों रुपए कालाधन कमाने वाले का कुछ नहीं हुआ या थोड़ी सी सजा पाकर छूट गया तो उसका हौसला और बढ़ जाता है. इस वजह से कई राज्यों में तो ये राजनीतिक परंपरा का हिस्सा बन गया है. पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार का ये वंशवाद, देश को दीमक की तरह खोखला कर देता है.’’
भ्रष्टाचार को देश के विकास में बहुत बड़ी बाधा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समृद्ध भारत के सामने और आत्मनिर्भर भारत के सामने बहुत बड़ी रुकावट है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों से अपील की कि वे भारत बनाम भ्रष्टाचार की लड़ाई में हमेशा की तरह भारत को मजबूत करते रहें.
उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार को समाप्त करते रहिए. ऐसा करके हम समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत बना पाएंगे.’’