देश में एक बार फिर भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं. कर्नाटक (Karnataka) के हम्पी (Hampi) में आज सुबह 06:55 पर रिक्टर स्केल पर 4.0 की तीव्रता का भूकंप आया. वहीं इसी समय पर झारखंड (Jharkhand) के जमशेदपुर (Jamshedpur) में रिक्टर स्केल पर 4.7 की तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. हालांकि अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
भूकंप क्यों आता है, इसके लिए सबसे पहले ज़रूरी है धरती की बनावट को समझना. धरती की बनावट को मुख्य रूप से चार हिस्सों में बांटा जा सकता है. इनर कोर, आउटर कोर, मेटल और क्रस्ट. इसमें से भूकंप का लेना देना सिर्फ क्रस्ट से है. बाकी के तीन हिस्सों का इससे कोई लेना देना नहीं है. क्रस्ट धरती की सबसे ऊपरी परत होती है, जो हमें आपको नंगी आंखों दिखाई देती है. धरती पर मौजूद नदियां, समंदर, पर्वत, पहाड़, पठार सब इसी क्रस्ट का हिस्सा हैं. समंदर के नीचे की ज़मीन भी इसी क्रस्ट का हिस्सा है. मतलब ये है कि हम और आप जितना सोच सकते हैं, इस परत की गहराई उससे कई गुना ज्यादा है.
प्लेट टैक्टॉनिक थ्योरी के मुताबिक इस क्रस्ट में होती हैं प्लेट्स, जो आपस में जुड़ी होती हैं. इनको कहते हैं टेक्टॉनिक प्लेट्स. संख्या में ये एक दर्जन से ज्यादा हैं. ये प्लेट्स महाद्वीपों में हैं, महासागरों में हैं और महाद्वीप-महासागर जहां मिलते हैं, वहां भी हैं. ये अंदर ही अंदर हिलती डुलती रहती हैं. अब अगर ये थोड़ा बहुत हिलती हैं तो किसी को पता भी नहीं चलता है, लेकिन अगर ये ज्यादा हिल जाती हैं तो असर ऊपर तक दिखने लगता है. यही भूकंप होता. प्लेट्स जहां-जहां जुड़ी होती हैं, वहां-वहां टकराव ज्यादा होता है और उन्हीं इलाकों में भूकंप ज्यादा आता भी है.
धरती पर जो भी बड़े-बड़े पहाड़ दिख रहे हैं, वो सब के सब प्लेट्स के टकराने से ही बने हैं. ये प्लेट्स कभी आमने-सामने टकराती हैं तो कभी ऊपर नीचे टकराती हैं तो कभी आड़े-तिरछे भी टकरा जाती हैं. और जब-जब ये टकराती हैं, भूकंप आ जाता है. ये भूकंप आता है तो धरती हिलती है. और इस हिलने से कभी ज़मीन फट जाती है, तो कभी मकान गिर जाते हैं तो कभी पेड़-पौधे बर्बाद हो जाते हैं. वहीं अगर ये भूकंप समंदर के नीचे वाली प्लेट्स के हिलने से आते हैं तो फिर समंदर में सुनामी आती है और समंदर की लहरें अपने आस-पास के इलाके को बर्बाद कर देती हैं.