चुनाव आयोग ने एक बड़ा फ़ैसला लेते हुए उम्मीदवारों द्वारा रात के समय मतदाताओं से फोन कॉल, एसएमएस और व्हाट्सएप के जरिए वोट मांगने पर रोक लगा दी है। चुनाव आयोग के सचिव एनटी भूटिया ने सभी राज्यों और संघशासित क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह दिशानिर्देश जारी किया है।
दरअसल चुनाव आयोग के प्रचार अभियान संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत चुनाव आचार संहिता के दौरान उम्मीदवार रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रचार थमने की अवधि में लाउडस्पीकर या जन सभाएं आयोजित कर चुनाव प्रचार नहीं कर सकते। लेकिन इस अवधि में उम्मीदवार घर-घर जाकर,फोन कॉल या फिर एसएमएस को अपने प्रचार का जरिया बना लेते थे। जिसे देखते हुए चुनाव आयोग ने अब इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के हवाले से बीते 20 अप्रैल को जारी निर्देश में संशोधन करते हुये यह फ़ैसला लागू किया है। अपने निर्देश में चुनाव आयोग ने कहा, ‘नागरिकों की निजता का सम्मान करने और सामान्य जनजीवन में अशांति को कम करने के लिये ऐसा करना आवश्यक है।’
चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों, अन्य चुनाव अधिकारियों और सभी राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों को इसका पालन सुनिश्चित करने को कहा है। वहीँ इसका उल्लंघन होने पर मतदाता चुनाव आयोग के ‘सी विजिल’ मोबाइल ऐप के जरिये शिकायत कर सकेंगे।
साल 2018 के अंत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने हाल ही में इस ऐप को लॉंच किया था। चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन सहित अन्य किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सी विजिल के जरिये की गयी शिकायत पर सौ मिनट के भीतर तत्काल कार्रवाई करना अनिवार्य है। एंड्रॉयड आधारित इस ऐप की मदद से कोई भी नागरिक चुनावी गड़बड़ी की तस्वीर अथवा वीडियो के जरिये शिकायत कर सकता है। इस ऐप का कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बेंगलुरु विधानसभा क्षेत्र में सफल प्रायोगिक परीक्षण किया जा चुका है।