निर्वाचन आयोग ने एग्जिट पोल को लेकर एक एतिहासिक फैसला सुनाया है। आयोग ने विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकायों के चुनावों के नतीजों के आने से पहले एक्जिट पोल, ज्योतिष, टैरो कार्ड रीडर्स आदि के माध्यम से भविष्यवाणी करने पर रोक लगा दी है। आयोग की इस कार्रवाई के बाद अब देश के राजनीतिक पंडित चुनाव नतीजों को लेकर भविष्यवाणी नहीं कर सकेंगे।
आयोग ने साफ कर दिया है कि प्रतिबंध के बाद भी यदि चुनाव नतीजों को लेकर भविष्यवाणी की जाती है या फिर इसका अनुमान लगाया जाता है तो इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
इतना ही नहीं आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से एग्जिट पोल जारी करने या फिर चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी का प्रसारण करने से दूर रहने को कहा है, ताकि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित कराया जा सके।आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126-ए का उल्लेख करते हुए सभी मीडिया संस्थाजनों को एडवाइजरी भी भेजी है।
इसमें कहा गया है कि अधिसूचित की गई अवधि के दौरान कोई भी प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए कोई एग्जिट पोल नहीं करेगा और न ही इनके नतीजों को प्रकाशित या प्रसारित करेगा। आयोग ने इस एडवाइजरी को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एवं न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को भी भेजा है।