पटना में जलजमाव के एक वर्ष बाद पूर्व नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि साल 2019 में जब पटना जलजमाव की स्थिति थी उस समय मैं पटना नगर निगम में आयुक्त के पद पर नहीं था और सरकार ने जो आरोप लगाए हैं वह अतार्किक, भ्रामक और बेबुनियाद हैं.
अनुपम कुमार सुमन ने कहा कि मेरी प्रतिनियुक्ति 22 अगस्त 2019 को खत्म हो गई थी और पटना में जलजमाव की स्थिति सितंबर के अंतिम सप्ताह आई, जब मैं उस समय पद पर था ही नहीं तो मैं किस प्रकार इसके लिए जिम्मेदार हूँ. और जब अगले पांच-सात दिनों में जब पानी निकाला गया तो नाला सफाई कार्य में पर्यवेक्षण का अभाव कैसे माना जा सकता है”
साथ ही उन्होंने कहा कि मुझपर संवादहीनता का आरोप लगाया जाता रहा है परंतु यह आरोप सही नहीं है. सरकार में संवाद का सबसे बेहतर तरीका पत्राचार होता है. मंत्रीजी द्वारा उनका मौखिक आदेश को न मानना किस तरह की संवादहीनता की श्रेणी में आता है यह मेरे समझ से परे है.
अनुपम कुमार सुमन के मुताबिक़ पटना शहर में जल-जमाव के लिए गठित उच्चस्तरीय जाँच समिति की गठित की गई थी. जिसमें सरकार ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अनुपम सुमन और विभिन्न साझेदारों के बीच संवादहीनता की स्थिति थी, नाला सफाई कार्य में पर्यवेक्षण का अभाव था, पटना नगर निगम क्षेत्र में जल निकासी का मूल दायित्व पटना नगर निगम का होते हुए भी जल निकासी के लिए उन्होंने बुडको से समुचित समन्वय स्थापित नहीं किया और उनके द्वारा मानसून पूर्व अग्रिम तैयारी नहीं की गई थी.
आपको बता दें कि अनुपम कुमार सुमन भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी थे जो प्रतिनियुक्ति पर बिहार आए थे, इन्होंने पूर्व विशेष सचिव, मुख्यमंत्री सचिवालय के तौर पर भी सेवा दी है.