दिवाली पर जवानों के साथ समय बिताने के अपने अभियान को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की लौंगेवाला चौकी पर जवानों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अगर भारत को आजमाया गया तो ‘‘प्रचंड जवाब’’ मिलेगा.
चीन पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए मोदी ने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि आज पूरा विश्व ‘‘विस्तारवादी’’ ताकतों से परेशान हैं. विस्तारवाद, एक तरह से ‘‘मानसिक विकृति’’ है और 18वीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत दूसरों को समझने और उनके साथ आपसी समझ बनाने की नीति में विश्वास करता है लेकिन अगर उसे आजमाने की कोशिश की जाती है, तो इसका प्रचंड जवाब दिया जायेगा.’’
उनका यह संदेश लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच आया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की सीमा की सुरक्षा करने से रोक नहीं सकती है. उन्होंने कहा कि भारत ने दिखाया है कि उसे चुनौती देने वालों को करारा जवाब देने के लिए उसमें ताकत और राजनीतिक इच्छाशक्ति है.
उन्होंने कहा, ‘‘आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है.’’
मोदी ने जवानों से कहा, ‘‘जितना अधिक समय मैं आपके साथ बिताता हूं, देश की सेवा और रक्षा करने का मेरा संकल्प उतना मजबूत होता है.’’
उन्होंने जवानों से कहा, ‘‘आज के दिन मैं आपसे तीन आग्रह करना चाहता हूं. पहला कुछ न कुछ नवीन (इनोवेट) करने की आदत को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाइए. दूसरा योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखिए. तीसरा अपनी मातृभाषा, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, कम से कम एक भाषा जरूर सीखिए. आप देखिएगा, ये बातें आपमें एक नयी ऊर्जा का संचार करेंगी.’’
इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के पराक्रम को सलाम किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध थल सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच अनुकरणीय समन्वय का उदाहरण था.