सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि बीते शुक्रवार को वैश्विक स्तर पर हुए साइबर हमले के बाद जल्द ही एक दूसरा बड़ा साइबर हमला हो सकता है। हालाँकि यह कब होगा इसके बारे में ठीक ठीक भविष्यवाणी नहीं की गई है।
दरअसल 12 अप्रैल को हुए वैश्विक हमले से दुनिया भर के 125,000 से ज्यादा कम्प्यूटर सिस्टम प्रभावित हुए थे। लेकिन अब सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि ब्रिटेन के सुरक्षा शोधकर्ता ‘मैलवेयर टेक’ ने भविष्यवाणी की है कि दूसरा हमला जल्द होने की संभावना है। मैलवेयर टेक ने ही इस रैनसमवेयर के हमले को सीमित करने में मदद की थी। इस वायरस ने प्रभावित कंप्यूटर की फाइलों को अपने नियंत्रण में ले लिया।बताया जा रहा है कि यह वायरस स्पेन, फ्रांस और रूस सहित 100 देशों में फैल गया।
सबसे ज्यादा असर इंग्लैंड में देखने को मिला। इंग्लैण्ड में 48 राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएं (एनएचएस) ट्रस्ट व स्कॉटलैंड के 13 एनएचएस इसके शिकार बने। जिसके चलते कुछ अस्पतालों को अपनी सेवाएं रद्द करनी पड़ी।
हैकर्स ने कम्प्यूटर को नियंत्रण में लेने के बाद वायरस ने एक संदेश भेजा, जिसमें फाइलों को खोलने और उपभोक्ताओं के इस्तेमाल करने के लिए वर्चुअल करेंसी में 300 डॉलर बिटक्वाइन के भुगतान की मांग की गई थी।
शोधकर्ता रैनसमवेयर का इस्तेमाल करने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका इस्तेमाल करने वालों को वाना डिक्रिप्टर या वानाक्राई के नाम से जाना जाता है। यह वायरस माइक्रोसॉफ्ट विंडोज सॉफ्टवेयर के कमजोरियों का लाभ उठाता है, जिसकी पहले अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा पहचान की गई थी।