आरटीआई के जरिये एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। खुलाशा हुआ है कि स्वच्छ भारत सेस से होने वाली आमदनी का कोई भी आंकड़ा केंद्र सरकार के पास नहीं है। जो कि अपने आप में काफी चौकाने वाला मामला बताया जा रहा है।
दरअसल लखनऊ हाईकोर्ट के वकील निशांत शेखर मिश्रा ने आरटीआई दाखिल कर जानकारी मांगी थी कि स्वच्छ भारत टैक्स के जरिए सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में कितनी रकम इकट्ठा की है और उसका कहां उपयोग किया गया है? लेकिन ने सेंट्रल एक्साईज एन्ड कस्टम डायरेक्ट्रेट ने आरटीआई के जवाब में कहा है कि उनके पास इस बात का कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है। जिसके बाद अब निशांत एक जनहित याचिका दाखिल करने जा रहे हैं।
निशांत के मुताबिक उन्होंने आरटीआई के माध्यम से पीएमओ से स्वच्छ भारत सेस के बारे में जानकारी मांगी थी। उनके आरटीआई के जवाब में पीएमओ ने उसे संबंधित विभाग सेंट्रल एक्साईज एन्ड कस्टम डायरेक्ट्रेट को फारवर्ड कर दिया था. अब सेंट्रल एक्साईज एन्ड कस्टम डायरेक्ट्रेट ने जवाब में कहा है कि उनके पास इससे जुड़ा कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है।
गौरतलब है कि सर्विस टैक्स में 0.5 प्रतिशत स्वच्छ भारत सेस लिया जाता था। इसी के तहत निशांत ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान इससे हुई आमदनी का ब्योरा मांगा। आरटीआई एक्टिविस्ट के मुताबिक हज़ारों करोड़ रूपये का स्वच्छ भारत सेस जमा हुआ है। लेकिन सरकार के पास इससे जुड़ा कोई डाटा मौजूद नहीं है। अब वे इसके लिए हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे।
Source: News18