पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मोदी सरकार को सुरक्षा मामलों की संसदीय समिति ने उनकी आतंक रोधी नीति पर खरी खरी सुनाई है। समिति ने कई कमियों को गिनाते हुए कहा है कि सरकार आतंकी हमलों को रोकने में नाकाम रही हैं, साथ ही उसने पठानकोट जैसे आतंकी हमले से कोई सबक नहीं लिया है।
पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति ने बुधवार को राज्यसभा में एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा की गई है। उसमें कई सवाल खड़े किए गए हैं। समिति के अध्यक्ष के मुताबिक, टेरर अलर्ट के बावजूद आतंकी पठानकोट एयर बेस में दाखिल होकर हमला करने में कामयाब कैसे हो गए।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सुरक्षा में जो भी कमियां है उनको जल्द से जल्द दूर करने की जरूरत है। साथ ही खुफिया सूचनाएं हासिल करने की प्रक्रिया और तकनीक में भी बदलाव किये जाने की आवश्यकता है।
इसके साथ ही समिति ने तीन बड़े सवाल भी उठायें हैं समिति की तरफ से पूछा गया है कि :-
1- सीमा पर फ्लड लाइट लगे होने और कड़ी सुरक्षा के वाबजूद आतंकी देश में घुसने में कैसे कामयाब हो गए और पठानकोट हमले को अंजाम दिया?
2- आतंकियों ने गुरदासपुर के एसपी और उसके साथी का अपहरण कैसे कर लिया? फिर छोड़ भी दिया?
3- समिति ने सरकार से जाना चाहा है कि पठानकोट हमले की जांच के लिए पाकिस्तान की जेआईटी को भारत आने की अनुमति जब दी गई तो क्या उससे पहले उससे कहा गया था कि बदले में जांच के लिए भारतीय दल भी पाक जाएगा?