हैदराबाद की एक अदालत ने नौ साल के लड़के के यौन उत्पीड़न को लेकर एक विद्यालय की एक महिला बाल संरक्षिका (केयरटेकर) को बृहस्पतिवार को 20 साल की कैद की सजा सुनायी. विशेषकर बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई से संबंधित एक त्वरित विशेष अदालत ने पोक्सो एवं भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत 27 वर्षीय इस महिला को दोषी पाया एवं उस पर 10000 रूपये का जुर्माना भी लगाया.
अभियोजन के अनुसार लड़कों के एक विद्यालय में इस महिला बाल संरक्षिका ने नवंबर 2017 में कई मौकों पर इस लड़के के साथ यौन दुर्व्यवहार किया था. इस लड़के के पिता ने जब उसके शरीर पर जलने के निशान देखे थे, तब उन्होंने इसका कारण पूछा था. लड़के के पिता ने जब इस मामले में पुलिस में एक दिसंबर 2017 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनके नाबालिग बेटे के साथ महिला बाल संरक्षिका (केयरटेकर) यौन दुर्व्यवहार करती थी.
बेटे ने अपने पिता को बताया था कि महिला बाल संरक्षिका (केयरटेकर) उसे मना करने के बावजूद जोर से पकड़ लेती थी. परेशान इस लड़के ने जब केयरटेकर से कहा कि वह इस दुर्व्यवहार के बारे में अपने माता-पिता को बता देगा तो केयरटेकर ने लड़के को धमकी दी थी और उसे जलती हुई सिगरेट और लाइटर से जला दिया था.
पुलिस को इस शिकायत के बाद मामला दर्ज करना पड़ा था. जांच करने पर नाबालिग के आरोप सही पाए गए थे. इस पर केयरटेकर को गिरफ्तार कर लिया गया था. मीडिया की सुर्खियों में रहे इस मामले को लेकर लोगों में उत्सुकता भी रही. करीब चार साल तक विभिन्न तर्कों के बाद अदालत ने पोक्सो एवं भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत आरोपी केयरटेकर को कठोर कारावास की सजा सुनाई है